मांझा के पुरैना तथा बैकुंठपुर के सोनवलिया, मड़वा व मूंजा में सारण तटबंध के साथ ही जगह जगह बांध टूटने से आई विनाशकारी बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसी बीच बुधवार की रात हुई मूसलाधार बारिश तथा शुक्रवार को रुक रुक कर पूरे दिन हुई बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की मुसीबत और बढ़ा दिया है। सिधवलिया प्रखंड मुख्यालय के बुचेया वार्ड 13 में मूसलाधार बारिश के बीच बाढ़ के पानी में डूबे दो घर ध्वस्त हो गए। बाढ़ के पानी में डूबने से बैकुंठपुर में एक किशोर सहित दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि पुरैना के पास टूटे सारण तटबंध से गंडक नदी के पानी का बहाव थम गया है। जिससे नदी से पानी बाढ़ प्रभावित इलाकों की तरफ नहीं बहने से सड़कों से पानी उतरने लगा है। लेकिन सोनवलिया, मंडवा व मूंजा में टूटे तटबंध से नदी के पानी का बहाव होने से बैकुंठपुर व सिधवलिया प्रखंड में बाढ़ की स्थित गंभीर बनी हुई है। बाढ़ का पानी इन दोनों प्रखंडों से होते हुए सीमावर्ती सिवान तथा सारण जिले के इलाकों में भर रहा है।
सारण तटबंध टूटने से मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड के 270 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ से 4.80 लाख आबादी प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीण घर छोड़कर ऊंचे स्थान व बांध पर शरण लिए हुए हैं। गुरुवार को भी इन चारों प्रखंड में बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी रही। इस बीच बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी बढ़ा दिया है। शुक्रवार को हुई बारिश में बाढ़ प्रभावित सिधवलिया प्रखंड मुख्यालय के बुचेया वार्ड 13 में बाढ़ में पानी में डूबे गौरी गिरी तथा प्रभु गिरी के घर ध्वस्त हो गया। बाढ़ के पानी में डूबने से बैकुंठपुर प्रखंड के हमीदपुर गांव में एक महिला तथा हकाम गांव के समीप एक बालक की मौत हो गई। हालांकि पुरैना के पास टूटे तटबंध से गंडक नदी के पानी का बहाव थम गया है। तटबंध की मरम्मत का काम भी चल रहा है। नदी के पानी का बहाव थमने से मांझा तथा बरौली प्रखंड में बाढ़ प्रभावित गांवों की सड़कों से पानी उतरने लगा है।
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