बिहार में नीतीश कैबिनेट का आज विस्तार है और इस विस्तार में गोपालगंज के तीन विधायकों का मंत्री बनना तय हो गया है. गोपालगंज में भाजपा कोटे से दो लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल होने की सूचना है वहीं जदयू कोटे से पहली बार विधायक बने पूर्व डीजी को सुनील कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है. इसको लेकर गोपालगंज में लोगो में ख़ुशी की लहर है.
अगर बात करे भाजपा के पूर्व सांसद जनक राम की तो वे पहली बार भाजपा में वर्ष 2014 में शामिल हुए थे. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा से जनक राम को भाजपा में शामिल किया गया था और वो पार्टी के उम्मीदों पर खरा उतरे. तब जनक राम ने रिकॉर्ड 2लाख 74 हजार मतों से बम्पर जीत दर्ज की थी. जनक राम चमार जाति से आते है और वो अपने नाम में जनक चमार ही लिखते हैं. वर्ष 2019 में गोपालगंज लोकसभा सीट जदयू कोटे में चली गयी उनका टिकट कट गया लेकिन बम्पर जीत दर्ज करने वाले जनक राम ने पार्टी के खिलाफ कोई बगावत नहीं की और वो पार्टी के प्रति वफादार बने रहे. वो भाजपा में दलित प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है और पार्टी के स्टार कैम्पेनर भी हैं. इस बार पार्टी ने जंक राम को बड़ी जिम्मेदारी दी है. और वे नीतीश कैबिनेट में भाजपा कोटे से मंत्री बन रहे हैं.
भाजपा कोटे से विधायक सुभाष सिंह भी मंत्री बनने वाले हैं. सुभाष सिंह 5 बार से भाजपा कोटे से विधायक हैं. एक बार वर्ष 2004 – 2005 में बिपिपा से चुनाव हार गए थे लेकिन महज कुछ महीने में हुए दोबारा चुनाव में भाजपा कोटे से वे दोबारा विधायक बन गए और इसके बाद उन्होंने दोबारा हार का मुंह नहीं देखा. राजपूत जाति से आने वाले सुभाष सिंह सदर प्रखंड के ख्वाजेपुर पंचायत के रहने वाले है. वो सीएम नीतीश और पूर्व डिप्टी सीएम सुशिल मोदी के काफी करीबी माने जाते है.
अब बात पुलिस अधिकारी के बाद पहली बार राजनितिक सफ़र शुरू करने वाले भोरे के जदयू विधायक सुनील कुमार की. सुनील कुमार रिटायर्ड आईपीएस हैं और उन्होंने डीजी से रिटायरमेंट के बाद भोरे सुरक्षित सीट से वर्ष 2020 में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. सुनील कुमार भाकपा माले के प्रत्याशी जितेन्द्र कुमार से महज 500 वोट से जीत दर्ज कर सके थे. सुनील कुमार के बड़े भाई अनिल कुमार भोरे सुरक्षित सीट से दो बार से विधायक रहे थे लेकिन इस बार सुनील कुमार के लिए अनिल कुमार चुनाव नहीं लड़े. सुनील कुमार ने नयी दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढाई की और उसके बाद वो देश के प्रतिष्ठित आईएएस परीक्षा में शामिल हुए. आईपीएस बनकर बिहार कैडर में रहें सुनील कुमार डीजी रह चुके हैं. चमार जाति से सम्बन्ध रखने वाले सुनील कुमार भोरे के महूववा गांव के रहने वाले है.
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