बिहार में विकास बाढ़ में बह रहा है. जिसके कारण सरकार की फजीहत हो रही है. इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है. आज सीएम नीतीश कुमार जिस गोपालगंज के बंगरा घाट महासेतु का उद्घाटन करने वाले थे उसका एप्रोज पथ टूट गया है.
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महासेतु का अप्रोच पथ करीब 50 मीटर तक ध्वस्त हो गया है. उसके बाद अधिकारियों के होश उड़ गए. बिहार राज्य पुल निर्माण के कई अधिकारी सैकड़ों मजदूरों को लगाकर इसकी मरम्मती और अपनी नाकामी को छुपाने में जुट गए हैं. सैकड़ों मजदूरों के साथ-साथ दो जेसीबी को भी लगाया गया है.
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जो एप्रोच पथ आज टूटा है वह 12 पहले भी टूट गया था. इसको दोबारा ठीक किया गया था, लेकिन सीएम के उद्घाटन के दिन ही यह फिर से टूट गया है. बार बार फजीह के बाद भी इंजीनियर दावा करते हैं कि घटिया काम नहीं हुआ है. सभी काम मानक के अनुसार हुआ है. अब सवाल उस मानक पर उठ रहा है जो सरकार की फजीहत करा रहा है. यह पहली बार गोपालगंज में नहीं हुआ है. दो माह के अंदर यह तीसरी बार हुआ है कि गोपालगंज में एप्रोच पथ धवस्त हुआ है.
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6 साल में 509 करोड़ की लागत से बना पुल
बंगरा घाट महासेतु 509 करोड़ की लागत से बना है. यह महासेतु छपरा और मुजफ्फरपुर के साथ चंपारण को भी जोड़ेगा. गोपालगंज जिले में गंडक पर बना चौथा महासेतु है. 1506 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में लगभग 6 साल लगे हैं. सारण को चंपारण और तिरहुत से जोड़ने वाले इस महासेतु चालू होने से छह जिलों की आबादी को फायदा होगा.
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