गंभीर मरीजों को इलाज कराने के लिए उत्तर प्रदेश या सूबे की राजधानी पटना जाने से शीघ्र छुटकारा मिलने की उम्मीद है। स्थानीय सदर अस्पताल में ही गंभीर मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है। इसके लिए परिसर में ट्रामा सेंटर का भवन बनकर तैयार हो गया है। अब सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों को तैनात करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है। साथ ही उपस्कर उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। ट्रामा सेंटर को तीन महीने के अंदर चालू करने की प्रक्रिया चल रही है।
जिले से होकर दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 27 तथा एनएच 531 गुजरती है। स्टेट हाइवे 90 जिले के बैकुंठपुर से छपरा होते हुए पटना तक जाती है। इन तीनों हाइवे पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। हादसों के बाद घायलों को सदर अस्पताल लाया जाता है। यहां गंभीर मरीजों की इलाज की व्यवस्था नहीं होने से चिकित्सकों को उन्हें यूपी के गोरखपुर या पटना रेफर करना पड़ता है। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज की भी सुविधा जिले में नहीं है। जिसे देखते हुए सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन ने जिले में ट्रामा सेंटर बनाने की पहल की। उनकी पहल पर सदर अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर खोलने के लिए सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद फरवरी 2020 में भवन बनाने को काम शुरू किया गया। अब भवन बनकर तैयार हो गया है। संवेदक ने भवन को हैंडओवर भी कर दिया है। सिविल सर्जन डॉ.टीएन सिंह ने बताया कि भवन तैयार होने के बाद सेंटर के लिए आवश्यक उपस्कर उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है। ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों को तैनात करने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि तीन महीने के अंदर ट्रामा सेंटर चालू हो जाएगा। इसके बाद यहां गंभीर मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
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