Bihar Local News Provider

गोपालगंज में कानून बना तमाशा, सड़क किनारे बिकने लगा पटाखा

विधानसभा चुनाव की मतगणना का कार्य संपन्न होने के बाद अब दीपावली की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गयी हैं। दीपावली के मौसम में पटाखों की बिक्री भी धीरे-धीरे गति पकड़ने लगी है। दुकानें भी सजने लगी हैं। लेकिन, किसी भी पटाखे की दुकान में पटाखा बेचने के नियमों का अनुपालन नहीं हो रहा है। हद तो यह कि शहर के अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भी दुकानें खुल रही हैं और इस ओर प्रशासन की नजर नहीं है। ऐसे में हरेक पल संभावित दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

दीपावली को लेकर गोपालगंज से लेकर बरौली, मीरगंज तथा कटेया जैसे शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण बाजारों में पटाखे की दुकानें काफी संख्या में लगायी जाती हैं। लेकिन, विभाग के आंकड़ों को मानें तो पूरे जिले में केवल 22 लोगों को ही पटाखा रखने या बेचने के लिए लाइसेंस विभागीय स्तर पर निर्गत किया गया है। वैसे पूरे जिले में पटाखा की पांच सौ से भी अधिक दुकानें दीपावली के मौसम में खुलती हैं। अभी से दुकानें खुलने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन, किसी भी दुकान पर एक भी नियम का सख्ती से अनुपालन नहीं होता।

क्या है नियम

गोपालगंज : पटाखा की दुकान खोलने तथा पटाखा रखने के लिए सर्वप्रथम उसे भीड़भाड़ वाले इलाके से बाहर रखना है। इसके साथ ही हरेक दुकान के लिए सबसे पहले अग्निशमन यंत्र रखना है ताकि संभावित दुर्घटना से बचा जा सके। हरेक दुकान या गोदाम के लिए इस बात का भी निर्देश है कि अत्यधिक आवाज करने वाले पटाखे या खतरनाक पटाखे नहीं रखे जाएं। इसके अलावा पटाखा बेचने वाले प्रत्येक दुकानदार को स्थायी या अस्थायी तौर पर लाइसेंस भी प्राप्त करना है, अन्यथा ऐसे दुकानदार के पकड़े जाने पर उसपर कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान एक्ट में किया गया है।

कितना होता है नियमों का पालन

गोपालगंज : पटाखा बेचने या उसके भंडारण के लिए सरकारी स्तर पर नियम बनाए तो गये हैं, लेकिन उनका अक्षरश: पालन शायद ही किसी दुकान पर होता है। हद तो यह कि किसी भी पटाखे की दुकान पर अग्निशमन यंत्र तक नहीं दिखते। जबकि नियमों के अनुसार हरेक दुकान या गोदाम में इसे आवश्यक रूप से लगाना है। इसके अलावा भीड़-भाड़ वाले चौक-चौराहों पर धड़ल्ले से इसकी बिक्री होती है।

नहीं होती कार्रवाई

गोपालगंज : दुकानदार या पटाखा के भंडारण वाले स्थानों पर नियमों का उल्लंघन तो प्रत्येक वर्ष दीपावली के दौरान होता है। लेकिन किसी भी दुकान पर पिछले एक दशक में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। आंकड़े गवाह हैं कि प्रशासन हरेक दीपावली में पटाखा दुकानदारों की ओर से मुंह मोड़ लेता है।

खतरे की आशंका

गोपालगंज : नियमों की अनदेखी होने के कारण खासतौर पर शहरी इलाकों में हमेशा बड़ी दुर्घटना या खतरे की आशंका बनी रहती है। इस बात को अधिकारी भी स्वीकार करते हैं। लेकिन, इसके बाद भी पटाखा बिक्री के नियमों की अनदेखी हो रही है।


Comments

One response to “गोपालगंज में कानून बना तमाशा, सड़क किनारे बिकने लगा पटाखा”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *