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गोपालगंज: फुटपाथी दुकानदारों के लिए लटका वेंडिंग जोन बनाने का प्रस्ताव

गोपालगंज शहर में फुटपाथी दुकानदारों को स्थायी रूप से दुकान उपलब्ध कराने की योजना अधर में लटकी हुई है। इससे शहर में जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है। फुटपाथी दुकानदार शहर के भौड़-भाड़ वाले इलाके में सड़क व नुक्कड़ों पर दुकान लगा रहे हैं। ऐसे दुकानदारों के समक्ष अपनी रोजी-रोटी जारी रखने के लिए दूसरा कोई उपाय भी नहीं है। नगर परिषद का शहर में चार स्थानों पर वेडिंग जोन बनाने का प्रस्ताव तो है, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।

शादी -विवाह व व्रत त्योहार के सीजन में तो फुटपाथी दुकानदारों से शहर की सड़कें गली व पगडंडी में तब्दील हो जाती हैं। जाम में फंसे लोग सरकते व व्यवस्था को कोसते रहते हैं वर्षों पूर्व टाउन वेडिंग कमेटी की बैठक में शहर में जोन बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। प्रस्ताव के अनुसार सबसे पहले फुटपाथी दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन बनाना था। फिर उनके लिए दुकान की व्यवस्था की जानी थी। इसके अलावे फुटपाथी दुकानदारों को बैंकों से सुविधाजनक ब्याज पर लोन देने, उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के साथ दुकानदारों को स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराने की भी योजना थी। लेकिन प्रस्ताव फाइलों में घूल फांक रहा है। आलम यह है कि जगह के अभाव में शहर की सड़कों पर दुकान लगाने वाले फुटपाथी दुकानदारों से ट्रैफिक पुलिस बराबर उलझते रहते हैं। दुकानदारों का कहना है कि कई बार उन्हें बलपूर्वक भगा दिया जाता है।

सर्वे से कहीं अधिक दुकानदार:

शहर में फुटपाथी दुकानदारों की संख्या करीब आठसौ हैं। लेकिन शहर स्तरीय फुटपाथ विक्रेता संघ के अनुसार शहर में फुटपाथी दुकानदारों की संख्या करीब एक हजार से भी ज्यादा है। छठ,ईद व दूसरे व्रत त्योहार के सीजन में यह संख्या बढ़ कर एक हजार से भी अधिक हो जाती है।

सड़कें पहले से ही हैं संकरी :

शहर से गुजरने वाली कई सड़कें पहले से ही संकरी हैं खासकर पुरानी चौक,चन्द्र गोकुला रोड व श्याम सिनेमा रोड की सड़कें कम चौड़ी होने वसड़क पर ठेले व खोमचे लगाए जाने के कारण लोगों को पांव पैदल चलने में भी परेशानी होती है।शहर की बसावट भी ऐसी है कि मुख्य सड़क को छोड़कर अन्य सड़कें ट्रैफिक के लिहाज से कम चौड़ी व संकरी है। दुकानदारों से फैल रही गंदगी शहर में फुटपाथी दुकानदारों के कारण सड़कों पर गंदगी भी फैल रही है। सब्जी,फल व मछली बेचने वाले दुकानदार सड़े-गले चीजों को अगल बगल में ही फेंक देते हैं। जिससे सड़कों पर गंदगी का आलम रहता है। लोगों को सुबह-सवेरे सड़क से गुजरने पर सड़ांध के कारण घुटन महसूस होता है।