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गोपालगंज के सबेया हवाईअड्डा को अतिक्रमण करने वाले 1011 लोगों की हुई पहचान

बिहार के गोपालगंज सबेया हवाई अड्डा (Gopalganj Sabeya Airport) को चालू करने की दिशा में रक्षा मंत्रालय ने पहल तेज कर दी है. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने हवाई अड्डा की जमीन को अतिक्रमण करने वाले 1011 लोगों को चिन्हित किया है, जिसकी सूची रक्षा संपदा अधिकारी (डीईओ) दानापुर को सौंपी गई है.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defence Minister Rajnath Singh) की ओर से सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष को भेजे गए रिपोर्ट में कहा गया है कि सबेया हवाई अड्डा की 338 एकड़ क्षेत्र पर 1011 अतिक्रमणकारियों की पहचान की गई है. हवाई अड्डा की जमीन पर कृषि उपयोग, कच्चा मकान, पक्का मकान का निर्माण किया गया है.

रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि रक्षा संपदा अधिकारी (डीईओ) दानापुर को सार्वजनिक परिसर बेदखली अधिनियम, 1971 के प्रावधानों के तहत बेदखली आदेश जारी किए गए हैं. डीईओ को इस मामले में अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस की सहायता से राज्य सरकार के साथ कदम उठाया है, जल्द ही अतिक्रम हटाने के लिए कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, रक्षा मंत्रालय की ओर से उठाए गए अतिक्रमण हटाने के इस कदम से सबेया हवाई हड्डा को फिर से विकसित होने और चालू होने की उम्मीद बढ़ गई है. सबेया हवाई अड्डा के चालू होने से इलाके के साथ-साथ गोपालगंज का विकास तेजी से बढ़ेगा.

रक्षा मंत्रालय का है हवाई अड्डा

अंग्रेजों ने 1868 में सबेया में 517 एकड़ जमीन पर इस हवाई अड्डे को बनाया था. चीन के नजदीक होने के कारण रक्षा के दृष्टिकोण से यह हवाई अड्डा काफी संवेदनशील था. आजादी के बाद रक्षा मंत्रालय ने इस हवाई अड्डे को ओवरटेक करने के बाद इसे विकसित करने की जगह उपेक्षित छोड़ दिया था.

सबेया एयरपोर्ट एक नजर में

हवाइपट्टी बना – 1868 एयरपोर्ट एकड़ में – 517 गोरखपुर एयरफोर्स कैंप से दूरी – 125 किमी गोपालगंज से दूरी – 26 किमी चीन से नजदीक होने से सुरक्षा कारणों से बना था. द्वितीय विश्वयुद्व के समय इस्तेमाल हुआ था.

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