कुख्यात अपराधी मुन्ना ने पुलिस के समक्ष अपने गुनाहों को कबूल करते हुए बताया है कि मैं और मेरा एक सहयोगी गोपालगंज के अलावे यूपी में भी अपराध करते थे, देवरिया, कुशीनगर में ठिकाना बना लिया था। वर्ष 2004 में बम बना रहा था, इसी बीच बम फट गया जिसमें जान तो बच गई, लेकिन मेरी एक आंख चली गई। मेरे मित्र मुझे उठा कर यूपी ले गए जहां मेरा इलाज हुआ। काफी दिनों बाद ठीक हुआ। लेकिन मेरी बाई आंख चली गई। बाद में चेन्नई जाकर अपनी एक आंख पत्थर की लगवाई थी।
पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में उसने बताया कि बिहार के एक कुख्यात अपराधी ने अपने शूटर से मेरे ऊपर गोली चलवा दी थी। इस घटना में तो बच गया लेकिन मेरा मित्र और उसकी प्रेमिका की मौत हो गई थी। इसी का बदला लेने के लिए वर्ष 2006 में उस शूटर को मार डाला।
2006 में ही ग्रामीण बैंक के मैनेजर ने लोन पास नहीं किया तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इसी बीच बतौर मुन्ना वह अपने गांव के बगल एक गांव में आता जाता था। जहां उस गांव की एक लड़की आसमा खातून से उसका प्रेम हो गया। समय-समय से उससे मिलता रहता था।
कुछ दिनों बाद जेल चला गया तो आसमा के परिजनों ने उसकी शादी कर दी। बाद में शूटर भेजकर आसमा खातून के शौहर की गोली मारकर हत्या करा दी। इस मामले में आसमा जेल चली गई।
जमानत करवाने के बाद उससे शादी कर ली। इस समय आसमा मेरी पत्नी हैं। जो मेरे लिए एक पत्नी के साथ सहयोगी की तरह कदम से कदम मिला कर सहयोग करती है। एसपी गोपालगंज का कहना है कि मुन्ना से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण बाते प्रकाश में आई है।
https://gopalganj.org/city-news/15280/
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