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कराहते हुए कोर्ट में पहुंचे डीएसपी, बताया पूरा मामला तो जज को भी आ गया तरस; गोपालगंज का मामला

डीएसपी साहब कोर्ट के बार-बार बुलाने पर भी नहीं आ रहे थे। इससे मुकदमा बेवजह लंबा खींच रहा था। जज साहब ने सीधे रास्‍ते से बात नहीं बनते देखकर डीएसपी साहब के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। बस फिर क्‍या था, डीएसपी साहब कराहते हुए ही कोर्ट में आ पहुंचे। मामला गोपालगंज कोर्ट का है।

एसीजेएम ने जारी किया था वारंट 

अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-10 मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने साक्ष्य के लिए उपस्थित नहीं होने पर सिवान के तत्कालीन डीएसपी पर गैर जमानतीय वारंट जारी किया था। दो साल पुराने आर्म्स एक्ट के एक मामले में कुख्यात मनीष कुशवाहा, पप्पू कुशवाहा समेत चार आरोपितों के विरुद्ध चार तिथियों पर साक्ष्य के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं पर पुलिस केंद्र, सिवान के पुलिस उपाधीक्षक (प्रारक्ष) संजीव कांत पर कार्रवाई की गई थी।

कोर्ट में उपस्‍थ‍ित होकर मांगी माफी

गैर जमानतीय वारंट जारी होने के एक माह के अंदर मंगलवार को डीएसपी कोर्ट में साक्ष्य के लिए हुए। कोर्ट में उनकी गवाही हो गई। इस दौरान डीएसपी ने साक्ष्य के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं होेने का कारण बीमार होना बताया। इसके लिए कोर्ट से उन्होंने माफी भी मांगी। डीएसपी कमर में बेल्ट लगाकर कराहते हुए पहुंचे थे। बताया कि स्लिप डिस्क की समस्या से वे जूझ रहे हैं।

हालत देखकर कोर्ट ने वापस लिया वारंट

उनकी मेडिकल स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट को वापस लिया गया। इस मामले में सभी गवाही अभियोजन की तरफ से हो गई। अब जल्द ही फैसला आ जाएगा। बता दें कि इसी मामले में तत्कालीन डीएसपी पर 29 अगस्त को वारंट जारी करते हुए छह सितंबर को कोर्ट में साक्ष्य के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद छह सितंबर को डीएसपी कोर्ट में उपस्थिति नहीं हुए थे। इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया था। यह जानकारी लोक अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने दी।

दो साल पुराना है मामला

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में 27 जुलाई को तत्कालीन थानाध्यक्ष विशंभरपुर अशोक कुमार ने विशंभरपुर थाना क्षेत्र के खेम मटिहिनिया गांव में छापेमारी कर एक घर से एक कट्टा व एक जिंदा कारतूस बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने कुख्यात जादोपुर थाना क्षेत्र के निरंजना गांव निवासी पप्पू कुशवाहा, उसके पिता विजय कुशवाहा के अलावा निरंजना गांव निवासी मनीष कुशवाहा तथा खेम मटिहिनिया गांव निवासी अवध लाल कुशवाहा को नामजद आरोपित बनाया था।

थानाध्‍यक्ष के बयान पर हुई थी प्राथमिकी

पुलिस ने अवध लाल कुशवाहा तथा विजय कुशवाहा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस मामले में विशंभरपुर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष अशोक कुमार के बयान पर प्राथमिकी (कांड संख्या 115/2020) कराई गई। इसके अनुसार, थानाध्यक्ष अशोक कुमार को सूचना मिली कि कुख्यात पप्पू कुशवाहा अपने साथियों के साथ के खेम मटिहिनिया गांव होकर आहिरौली जाने वाला है।

पुलिस पहले से कर रही थी इंतजार

इस सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष पुलिस की एक टीम गठित कर खेम मटिहिनिया बांध के पास पहुंचे और वांछित अपराधी का इंतजार करने लगे। इस क्रम में पप्पू कुशवाहा के पिता विजय कुशवाहा को उधर से गुजरते देख पुलिस ने उसे पकड़ कर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में विजय कुशवाहा ने बताया कि पप्पू कुशवाहा तथा उसके साथी मनीष कुशवाहा द्वारा एक कट्टा खेम मटिहिनिया गांव निवासी अवध लाल कुशवाहा के घर रखा गया है।

छापेमारी में मिला था लोडेड कट्टा

पुलिस ने विजय कुशवाहा की निशानदेही पर 27 जुलाई की रात करीब 9:30 बजे अवध लाल कुशवाहा के घर छापेमारी की। छापेमारी में अवध लाल कुशवाहा के घर के बिस्तर में रखा एक लोडेड कट्टा बरामद किया गया। इस मामले में पुलिस ने निरंजना गांव निवासी पप्पू कुशवाहा, मनीष कुशवाहा तथा पप्पू कुशवाहा के पिता विजय कुशवाहा के अलावा के खेम मटिहिनिया गांव निवासी अवध लाल कुशवाहा को आरोपित बनाते हुए सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की। गिरफ्तार किए गए आरोपित खेम मटिहिनिया गांव निवासी अवध लाल कुशवाहा तथा जादोपुर थाना क्षेत्र के निरंजना गांव निवासी विजय कुशवाहा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में पप्पू कुशवाहा की गिरफ्तारी हुई थी।

अदालत के आदेश को डीएसपी ने नहीं लिया था गंभीरता से

अनुसंधान के क्रम में सिवान के पुलिस उपाधीक्षक (प्रारक्ष) सह सार्जेंट मेजर संजीव कांत ने बरामद हथियार की जांच की थी। चार्जशीट होने के बाद दस दिनों के अंदर इस मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत चार गवाहों की गवाही कोर्ट में कराई गई। बरामद हथियार कारगर है या नहीं इसके साक्ष्य के लिए तीन तिथियों पर डीएसपी संजीव कांत उपस्थित नहीं हुए थे। डीएसपी संजीव कांत की गवाही नहीं होने पर उनके खिलाफ न्यायालय में वारंट जारी करने के लिए अनुरोध किया गया था।

29 अगस्‍त को भी जारी हुआ था वारंट

इसके बादर 29 अगस्त को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-10 मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने सख्ती दिखाते हुए तत्कालीन डीएसपी संजीव कांत पर वारंट निर्गत कर दिया था। साथ ही डीएसपी को छह सितंबर को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद डीएसपी ने अदालत के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-10 मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने कड़ी कार्रवाई करते हुए डीएसपी के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया था।

मनीष कुशवाहा पर 26 तो पप्पू कुशवाहा पर 17 मामले दर्ज

मनीष कुशवाहा के विरुद्ध विभिन्न थानों में 26 मामले दर्ज हैं। मनीष कुशवाहा अभी फरार चल रहा है। जेल में बंद कुख्यात पप्पू कुशवाहा पर विभिन्न थानों में 17 केस दर्ज हैं। विशंभरपुर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार साह ने बताया कि मनीष कुशवाहा के घर इश्तेहार चस्पाया गया है। साथ ही कुर्की जब्ती की कार्रवाई के लिए कोर्ट में आवेदन किया गया है।

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