करीब छह साल पूर्व थावे थाना क्षेत्र के सिहोरवां गांव में हुई युवक की हत्या के मामले में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार के न्यायालय ने आरोपित दंपती को मंगलवार को दोषी करार दिया। इस आपराधिक मामले में 26 नवंबर को सजा के बिदु पर सुनवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार 30 दिसम्बर 2014 को थावे थाने के सिहोरवां गांव के परशुराम राम का 18 वर्षीय छोटा भाई मंगल राम घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से थावे बाजार में गया था। ट्यूशन पढ़कर जब वह काफी समय बीतने के बाद भी घर नहीं लौटा तो उसके परिवार के लोगों ने उसकी खोजबीन शुरु की। घटना के दो दिन बाद पहली जनवरी 2015 को मंगल राम का शव सिहोरवां गांव के बाहर एक तालाब में पड़ा मिला। घटना को लेकर मृत युवक के बड़े भाई परशुराम राम के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें इसी गांव के भदई पासवान, अंबिका पासवान, जीतन पासवान और भदई पासवान की पत्नी सुगांती देवी को नामजद आरोपित बनाया गया। इस आपराधिक मामले में अनुसंधान के बाद पुलिस ने भदई पासवान तथा उनकी पत्नी सुगांती देवी के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया। जबकि अन्य आरोपित के विरुद्ध अनुसंधान जारी रखा। इस मामले में आरोप पत्र समर्पित किए जाने के बाद सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से एपीपी अनिल कुमार शर्मा और बचाव पक्ष के अधिवक्ता सर्वानंद श्रीवास्तव की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित भदई पासवान तथा उनकी पत्नी सुगांती देवी को दोषी करार दिया। इस मामले में न्यायालय का अंतिम फैसला 26 नवंबर को आएगा।
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