सूबे के सरकारी विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है। बिहार के किसी भी जिले में कोई ऐसा सरकारी विद्यालय नहीं है जहां बेहतर शिक्षा बच्चों को दी जाती हो। जिसको लेकर मेरी पार्टी ने लड़ाई प्रारंभ किया है। केंद्र व राज्य की सरकारें उसी को आरक्षण दे जिसने सरकारी विद्यालय में पढ़ाई किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शहर के डाकघर चौक पर आयोजित नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अमीर के बेटे व बेटियां निजी विद्यालयों में पढ़कर आरक्षण का लाभ ले लेते हैं। लेकिन बिहार के अस्सी प्रतिशत गरीब परिवार के बच्चे जो सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं, उन्हें समय से आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने आरक्षण केवल सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को ही देने की मांग की। उन्होंने कहा कि गरीब के बच्चे पैसे के अभाव में पहले सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं। बाद में जब उनकी पढ़ाई किसी काम के लायक नहीं रह जाती तो वे ठेले पर दुकान सजाने को मजबूर हो जाते है। ऐसे में सरकार को पहले शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की जरूरत है। उन्होंने जिला मुख्यालय के अलावा थावे व मीरगंज में भी नुक्कड़ सभा को संबोधित किया। इस मौके पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दशई राम, जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार सहित कई नेता मौजूद थे।