कोरोना के दूसरे लहर में सांस लेने में दिक्कत से संबंधित मरीजों की बढ़ती जा रही संख्या के कारण स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बढ़ता जा रहा है। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सभी बेड फुल हो गए हैं। 24 बेड के इमरजेंसी वार्ड में 30 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सांसे लेने में दिक्कत से संबंधित मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण अब मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी उन्हें फर्श पर लिटाकर उन्हें ऑक्सीजन चढ़ा रहे हैं। किसी को टेबल पर लिटाकर तो कई मरीजों को बाहर पेड़ के नीचे लिटाकर ऑक्सीजन चढ़ाकर मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी जद्दोजहद कर रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों के बीच पिछले एक सप्ताह से सांस लेने में दिक्कत से संबंधित मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। घबराहट, बेचैनी तथा सांस लेने में दिक्कत की शिकायत को लेकर सदर अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या हर दिन बढती जा रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अब उन्हें इमरजेंसी वार्ड के बेड पर जगह नहीं मिल पा रही है।। बेड के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। 24 बेड का इमरजेंसी वार्ड मरीजों से फुल हो गया है। सांस लेने में दिक्कत से संबंधित अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को अब चिकित्सक फर्श, टेबल तथा यहां तक कि बाहर पेड़ के नीचे लिटाकर उनकी जान बचाने के लिए उन्हें ऑक्सीजन चढ़ा रहे हैं।
पेड़ के नीचे ऑक्सीजन सिलिडर लेकर ऑक्सीजन ले मरीज:
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सांस लेने में दिक्कत से संबंधित मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। इमरजेंसी वार्ड में एक ऑक्सीजन मशीन से तीन-तीन मरीजों को ऑक्सीजन चढ़ाया जा रहा है। सोमवार को मरीजों की संख्या काफी बढ़ने से स्थिति ऐसी हो गई कि अस्पताल पहुंचे फुलवरिया प्रखंड के मिश्र बतरहां गांव निवासी आलम खान तथा सिवान जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के लकड़ी दरगाह निवासी शमीम अहमद स्वजन ऑक्सीजन सिलिडर लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर पेड़ के नीचे उन्हें ऑक्सीजन चढ़ाने को मजबूर हो गए। इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। लेकिन बेड कम पड़ने के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है।
डीएम के आदेश के बाद भी ट्रामा सेंटर में भर्ती नहीं किए जा रहे मरीज:
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का बढ़ रही भीड़ को देखते हुए डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी व चिकित्सकों के साथ बैठक करने के बाद इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों में से कुछ मरीजों को ट्रामा सेंटर में भर्ती करने का आदेश दिया था। लेकिन डीएम के आदेश के तीन दिन बीत जाने के बाद भी ट्रामा सेंटर में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।
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