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ठक-ठक: बस खुलते ही यात्रियों पर मंडराने लगता है मौत का साया

सिवान के अमलोरी बस हादसे में सात लोगों की मौत तथा दो दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने से अभी भी मीरगंज के लोग उबर नहीं पाए हैं। घायल लोगों के ठीक होने की लोग कामना कर रहे हैं। लेकिन सोमवार को हुए इस हादसे के बाद भी परिवहन विभाग सचेत नहीं हुआ। मंगलवार को भी शहर के राजेंद्र बस स्टैंड से सिवान के लिए ओवरलोड बसों का परिचालन जारी रहा। बस स्टैंड से सिवान के लिए बसों के रवाना होते ही इसमें सवार यात्रियों पर मौत का साया मंडराने लगाता है। सीटें भरी होने के बाद भी पूरे रास्ते भर जगह-जगह बसों में सोमवार को भी सवारी भरी जाती रही। न कोई देखने वाला था और ना ही इस भीषण हादसे का संबंधित विभाग के ऊपर कोई असर दिखा। खलासी के ठक-ठक की आवाज पर बसें रास्ते भर रुकती और सवारी भर कर खुलती रहीं। बस के बॉडी पर खलासी के पीटने की आवाज से चालक बस को रोकता और आगे बढ़ाता रहा। एक बार हाथ ठोंकने से निकली ठक की आवाज पर बसें खड़ी होती रहीं और दो बार ठक-ठक की आवाज पर सवारी को ठूंसते हुए सिवान तक का सफर तय करती रहीं।
सोमवार को शहर के राजेंद्र नगर बस स्टैंड से सवारी भर कर सिवान के लिए निकली बस का अगला पहिया सिवान के अमलोरी के पास फट जाने से बस पलटने से सात लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मरने वालों में जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के अलग-अलग गावों के सात लोग शामिल है। अधिकांश घायल भी जिले के ही निवासी हैं। इस हादसे के बाद लोग जिला परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवार उठाने लगे है। लोगों का कहना था कि अगर बस की फिटनेस की सही तरीके से जांच की गई होती तो यह हादसा शायद नहीं होता। गोपालगंज से सिवान के लिए चलने वाली अधिकांश बसें फिटनेस के मानकों को पूरा नहीं करती हैं। लेकिन कागजों पर ही इन बसों की फिटनेस जांच कर उन्हें परिचालन की अनुमति दे दी जाती है। लोगों ने कहा कि अगला पहिया फटने से जो बस पलटी थी, उसमें सवारी ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। हादसे में मारे जाने वाले अधिकांश वहीं लोग हैं जो बस में खड़े-खड़े सफर कर रहे थे। इस हादसे के बाद मंगलवार को भी राजेंद्र नगर बस स्टैंड से सिवान के लिए खुलने वाली बसों की हालत पहले जैसे ही बनी रही। जगह-जगह रोक कर इन बसों में ठूंस-ठूंस कर सवारी भरा जाता रहा। राजेंद्र बस स्टैंड से बसों के खुलने के साथ ही इसमें सवार यात्रियों पर मौत का साया पहले की ही तरफ मंडराता रहा। अमलोरी हादसे के बाद भी परिवहन विभाग ने राजेंद्र बस स्टैंड से सिवान के लिए खुलने वाली बसों की न तो जांच ही किया और ना ही रास्ते में ओवरलोड बसों पर कार्रवाई करने के लिए कोई अभियान चलाया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी:
“प्रत्येक शनिवार को अभियान चलाकर वाहनों की सघन जांच की जाती है। इसके साथ ही रुटीन चेकिग भी की जाती है। अमलोरी बस हादसा दुखद है। परिवहन विभाग बसों के फिटनेस तथा ओवरलोड को लेकर कार्रवाई करता रहता है।”
प्रमोद कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी
हक़ीक़त: गोपालगंज समाचार ने आजतक ऐसी कोई जाँच नहीं देखी, जिससे परिवहन पदाधिकारी की बात सच साबित हो!