गोपालगंज जिले के सत्तरघाट पुल के रास्ते में एक पुलिया के एप्रोच पथ के बाढ़ से ध्वस्त होने के लिए विभागीय मंत्री जिम्मेदार हैं। यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को कही। वे एप्रोच पथ ध्वस्त होने के बाद जायजा लेने के लिए यहां पहुंचे थे।
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यशवंत सिन्हा ने कहा कि सड़क के टूट जाने से गोपालगंज-पूर्वी चंपारण जिलों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। मामले में तुरंत दोषी अफसरों के साथ मंत्री पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य किया गया होता तो निर्माण के बाद पहली बार आई बाढ़ में सड़क नहीं टूटती। उनके साथ जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण सिंह सहित कई नेता शामिल थे।
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एमडी व प्रधान सचिव ने किया संपर्क पथ का निरीक्षण
सत्तरघाट महासेतु सड़क में फैजुल्लाहपुर के समीप एक पुलिया के एप्रोच रोड के बाढ़ से टूट जाने के मामले की जांच शुक्रवार को पुल निर्माण निगम के एमडी जितेंद्र श्रीवास्तव व पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने की। निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने टूटे संपर्क पथ को दुरुस्त करने के काम में तेजी लाने का इंजीनियरों को निर्देश दिया। संपर्क पथ निर्माण कार्य का जायजा लेने के बाद दोनों अधिकारियों ने कहा कि शीघ्र ही गोपालगंज-चंपारण के बीच संपर्क पथ पर आवागमन बहाल हो जाएगा। श्री मीणा ने कहा कि पुल पूरी तरह सुरक्षित है। 3 लाख 39 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़े जाने के बाद दबाव से एप्रोच सड़क टूट गई। मौके पर डीएम अरशद अजीज, एसपी मनोज कुमार तिवारी, एसडीएम उपेंद्र कुमार पाल सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।