जीविका समूहों के माध्यम से राशन कार्ड नहीं रखने वाले परिवारों को भी मिलेगा सहयोग
-कोरोना को मात देने की तैयारी में जुटी जीविका दीदियाँ
-कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाव के लिए बना रहीं मास्क
-1 लाख से अधिक सामुदायिक सदस्यों के मोबाइल नंबर किये एकत्रित
-मोबाइल वाणी मंच की सहायता से वॉयस मैसेज भेज कर फैला रही जागरूकता
गोपालगंज: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने विश्व भर में आपातकालीन स्थिति पैदा कर दी है. धीरे-धीरे संक्रमण का प्रसार देश के साथ बिहार में बढ़ने लगा है. इसकी रोकथाम एवं पीड़ितों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने की दिशा में सरकार हर संभव प्रयास भी कर रही है. अब इस महामारी को मात देने के लिए जीविका कार्यकर्ता भी जुट गए हैं. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा मास्क के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. अचानक मास्क की मांग बढ़ने के कारण बाजारों में मास्क की कमी भी देखने को मिल रही है. इसलिए जीविका ने इस दिशा में पहल की है. जिले में जीविका दीदियाँ सक्रिय होकर मास्क बनाने में जुट गयी हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी जीविका समूहों के माध्यम से चिन्हित कर उनकी मदद की जाएगी.
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जागरूकता का उठाया बीड़ा:
कोविड-19 के वैश्विक महामारी घोषित होने पर जीविका ने पहल करते हुए कोरोना पर आईईसी मटेरियल तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया, ताकि आम लोगों को इस रोग के बारे में जागरूकता फ़ैलाने और इससे निपटने की तैयारियों में मदद कर सके. जीविका अपने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अधिकतम परिवारों तक पहुँचने का प्रयास कर रही है एवं हैण्ड वाशिंग, क्वारंटीन, सामजिक दूरियाँ एवं आईसोलेशन जैसे महतवपूर्ण मुद्दों पर आम जागरूकता फैला रही है. जीविका ने अब तक 1 लाख से अधिक सामुदायिक सदस्यों के मोबाइल नंबर एकत्रित किये हैं और कोविड-19 के बारे में वॉयस मैसेज जारी करने के लिए मोबाइल वाणी मंच का उपयोग कर रहा है और उसी के माध्यम से समुदाय के प्रश्नों का उत्तर भी दे रहा है. साथ ही कोरोना पर जागरूकता बढ़ाने के मकसद से विडियो एवं गानों का भी सहारा लिया जा रहा है.
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जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें जीविका समूह का मिलेगा सहयोग:
सभी राशन कार्ड धारकों को सरकार द्वारा 1000 रूपये की सहायता राशि दी जा रही है. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नही हैं, उन्हें भी जीविका समूहों द्वारा चिन्हित कर उनकी मदद की जाएगी. इसके लिए ऐसे लोगों की पहचान करने का कार्य जीविका द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है तथा शीघ्र ही इन परिवारों की पहचान कर उनकी भी मदद की जाएगी.
कोरोना को हराने में जीविका का हो सकता है महत्वपूर्ण योगदान:
अन्य राज्यों की तुलना में अभी बिहार में कोरोना के कम मामले सामने आए हैं. लेकिन धीरे-धीरे राज्य में भी कोरोना का प्रसार देखने को मिल रहा है. ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि सामुदायिक स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी दी जाए एवं उन्हें इस गंभीर रोग से बचने की उचित सलाह दी जाए. जिसमें जीविका की भूमिका अहम् हो सकती है. राज्य के सभी जिलों में जीविका महिला स्वयं सहायता समूह बनाये गए है, जो महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त करने का कार्य कर रहा है. कोरोना काल में जीविका समूह द्वारा लोगों को कोरोना पर जागरूक करने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है.