अब ग्रामीण चिकित्सक परिवार नियोजन व कालाजार के खिलाफ लड़ेंगे जंग
• गांव-गांव जाकर लोगों में फैलायेंगे जागरूकता
• स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने की बैठक
• केयर इंडिया के सहयोग से चल रहा है अभियान
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गोपालगंज। जिले में परिवार नियोजन व कालाजार के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नई पहल शुरू की है। अब ग्रामीण चिकित्सकों इस अभियान में शामिल किया गया है। ग्रामीण चिकित्सक गांव-गांव जाकर लोगों को परिवार नियोजन व कालाजार के बारे में जागरूक करेंगे। इसको लेकर सदर अस्पताल में ग्रामीण चिकित्सकों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक की गयी। जिसमें जिले के सभी ग्रामीण चिकित्सकों से परिवार नियोजन व कालाजार के बारे में लोगों को जागरूक करने की अपील की गयी। इस बैठक में जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार, केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह, परिवार नियोजन समन्वयक अमीत कुमार, डीपीओ-भीएल आनंद कश्यप समेत अन्य शामिल थे।
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गांव-गांव जाकर फैलायेंगे जागरूकता:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन व कालाजार के खिलाफ जिले में व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इस बार एक नई पहल की शुरूआत करते हुए इसमें ग्रामीणों चिकित्सकों का सहयोग लिया जा रहा है। इस अभियान में जिले के सभी ग्रामीण चिकित्सकों को शामिल किया गया है। जो अपने-अपने क्षेत्र में जाकर समुदाय को परिवार नियोजन के फायदे व कालाजार के बारे में जानकारी देकर अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे।
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कालाजार व परिवार नियोजन पर दी गयी जानकारी:
बैठक में सभी ग्रामीणों चिकित्सकों को केयर इंडिया के प्रतिनिधियों के द्वारा परिवार नियोजन व कालाजार के बारे में विस्तार से बताया गया। परिवार नियोजन समन्वयक अमीत कुमार ने परिवार नियोजन की स्थायी उपाय जैसे महिला एवं पुरुष नसबंदी, प्रसव उपरांत नसबंदी और अस्थायी उपाय जैसे कंडोम, कॉपर-टी, आईयूसीडी, अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गर्भ निरोधक गोली आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होने नबताया कि गतिविधियों के माध्यम से परिवार नियोजन का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
डीपीओ-भीएल आनंद कश्यप ने अपील किया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को कालाजार से बचाव के बारे में जानकारियां देकर उन्हें जागरुक करें। उन्होंने कहा कि कालाजार एक घातक बीमारी है और इसकी प्रगति काफी धीमी होती है। अगर समय पर इसका उपचार नहीं किया जाए तो मरीज की मौत हो सकती है। यह बीमारी आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है। कालाजार लिश्मैनिया डोनोवनाई नामक परजीवी के कारण होता जो मादा बालू मक्खी के काटने से फैलता है ।