जिले में तेजी से बढ़ रही फर्जी निजी नर्सिग होम में आए दिन हो रहे मरीजों के शोषण की शिकायतों के बाद डीएम अरशद अजीज ने सिविल सर्जन को टीम बनाकर फर्जी निजी नर्सिग होम के विरुद्ध जांच का अभियान प्रारंभ करने का आदेश दिया है। डीएम का आदेश मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग होम की जांच के लिए टीम के गठन की कार्रवाई में लग गया है।
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जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों तक में नर्सिंग होम में मरीजों का आए दिन हो रहे शोषण की शिकायत मिलने क बाद जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन डॉ नंद किशोर प्रसाद सिंह को फोन कर जिले के सभी प्रखंड व मुख्यालय में चल रहे फर्जी नर्सिग होम के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस दौरान डीएम ने सिविल सर्जन से छापेमारी दल का गठन कर अभियान चलाने का निर्देश दिया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी फर्जी नर्सिग होम के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गया है।
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बीडीओ ने की निजी अस्पताल की जांच:
शहर के अरार मोड स्थित सत्यम अस्पताल में एक महिला मरीज का प्रसव कराने के बाद वहां तैनात कर्मियों ने उससे 50 हजार रुपये की मांग की। इस घटना के बाद महिला मरीज के पति इसकी जानकारी डीएम अरशद अजीज को फोन पर दी। सूचना मिलने के बाद डीएम ने सदर बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया। जिसके बाद बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर ने सत्यम अस्पताल में पहुंच कर पूरे मामले की जांच पड़ताल की। बताया जाता है कि बेतिया जिले के नौतन निवासी नंदू भर की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे प्रसव के लिए सदर अस्पताल में लेकर पहुंचे। इसी बीच सदर अस्पताल में सक्रिय दलालों की मदद से वह अरार मोड स्थित सत्यम अस्पताल में पहुंच गई। जहां प्रसव कराने के पूर्व नंदू भर से पांच हजार खर्च बताकर उनकी पत्नी का भर्ती करा लिया गया। लेकिन प्रसव के बाद उनके पचास हजार रुपया का डिमांड किया गया गया।
शहर के इन स्थानों पर चल रहे फर्जी नर्सिग होम:
शहर के लगभग सभी गली व मोहल्ले में अवैध नर्सिग होम चल रहे हैं। जहां मरीजों से मोटी रकम लेकर आपरेशन किया जाता है। डीएम के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग शहर के अस्पताल चौक, कॉलेज रोड, राजेंद्र नगर, बंजारी रोड सहित अन्य जगहों पर चल रहे फर्जी नर्सिग होम के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गया है।
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सरकारी अस्पताल से मरीजों को बहला ले जाते है दलाल:
जिले में फर्जी नर्सिग होम का संचालन कर रहे माफिया के मदद के लिए जिले के सभी सरकारी अस्पताल में महिला व पुरूष दलाल सक्रिय होकर सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों पर नजर रखते है। इस दौरान ग्रामीण इलाके से आने वाले मरीजों को दलाल अपने जाल में फंसाने के बाद उन्हें नर्सिग होम में ले जाकर पहुंचा कर अपना कमीशन फिक्स कर लेते है। पूर्व में कई बार इस तरह की घटनाओं का पर्दाफाश भी हुआ है। बावजूद इसके दलालों पर कोई भी नियंत्रण लगा पाने में स्वास्थ्य विभाग सफल नहीं हो सका है।