भोरे प्रखंड में स्थित पैथालॉजी सेंटरों की जांच को स्थानीय प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर अभियान चलाया। इस दौरान अवैध पाए जाने पर छह लैब को सील कर दिया गया। जांच अभियान चलने को देखते हुए कई संचालक अपना अपना लैब बंद कर फरार हो गए। जांच के दौरान मात्र दो लैब ही वैध पाए गए। शेष लैब संचालकों के पास कोई कागजात नहीं मिला।
बताया जाता है कि जिलाधिकारी अमिनेष कुमार पराशर ने भोरे के विभिन्न बाजारों में संचालित हो रहे 14 लैबों की जांच कर कार्रवाई की रिपोर्ट तलब किया। डीएम के आदेश के बाद सीओ जितेंद्र कुमार ¨सह ने भोरे पुलिस के सहयोग से लैबों की जांच शुरू किया। जांच के दौरान छह ऐसे लैब पाए गए, जिसके संचालकों ने जांच की भनक मिलते ही लैब को बंद कर दिया। लेकिन दुकान के बाहर लगा बोर्ड नहीं हटाया। ऐसे लैबों को प्रशासन ने वीडियोग्राफी के बाद सील कर दिया। जिसमें हुस्सेपुर बाजार में संचालित एक लैब, लामीचौर बाजार में दो, सिसई बाजार में दो और भोरे बाजार के दो लैब शामिल हैं। जांच में छह ऐसे लैब पाए गए , जिनका नाम सूची में दर्ज तो था, लेकिन संचालक बोर्ड हटा कर दुकान के बाहर ताला लगा दिए थे। ऐसे लैबों को प्रशासन ने सील तो नहीं किया, लेकिन उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दिया। बताया जाता है कि जांच के दौरान भोरे में प्रखंड मुख्यालय में संचालित सिर्फ दो लैबों के कागजात सही पाए गए। जिसमें भोरे थाना रोड़ स्थित केनरा बैंक के नीचे संचालित लाइफ केयर पैथोलॉजी सेंटर तथा डॉ. लता प्रकाश के क्लीनिक के पास संचालित रैनबो जांच घर शामिल हैं। सीओ जितेंद्र कुमार ¨सह ने बताया कि जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गयी है। उनके आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।