गोपालगंज से एक छात्र को मुखबिर के जरिए रविवार को गोरखपुर बुलवाकर दो दरोगाओं ने उसे अगवा कर लिया। उन्होंने छात्र के चाचा से 2.80 लाख रुपये रंगदारी मांगी। रुपये न मिलने पर छात्र का इनकाउंटर करने की धमकी भी दी। डरे-सहमे परिजनों ने घटना की जानकारी एसपी को दी। एसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों दरोगा और मुखबिर को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने उनके कब्जे से छात्र को भी मुक्त करा लिया। छात्र के चाचा की तहरीर पर कैंट पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया।
गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव निवासी शौकत अली का 16 वर्षीय पुत्र एहसान आलम 12वीं का छात्र है। वह गोपालगंज में एक कोचिंग सेंटर में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है। उसी कोचिंग से उरुवां थाना क्षेत्र स्थित पहाड़पुर गांव निवासी मुदस्सिर खां का बेटा अफजल खां भी तैयारी करता था। अफजल खां का उरुवां थाने पर तैनात दरोगा अभिजीत कुमार और रघुनंदन त्रिपाठी से परिचय हो गया था। वह दोनों के लिए मुखबिरी करने लगा। रविवार की सुबह अफजल एहसान को घुमाने के बहाने गोरखपुर ले आया और दरोगाओं के सुपूर्द कर दिया।
दरोगाओं के कहने पर अफजल ने एहसान के चाचा मकसूद को फोन किया। उसने बताया कि वह और एहसान चोरी की बाइक के साथ पकड़ लिए गए थे। बाइक से 2.80 लाख रुपये की लूट हुई थी। उसने 80 हजार रुपये दे दिए हैं तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया है। दो दारोगाओं से उसकी बात हो गई है। वे लोग एहसान को छोड़ने के बदले 2.80 लाख रुपये मांग रहे हैं। शाम को मकसूद कुछ लोगों को साथ लेकर गोरखपुर आ गए। अफजल के बताए स्थान पर पुलिस लाइन के सामने पहुंचे तो अफजल और दो दरोगा कार में एहसान को बैठाए हुए थे। मकसूद ने रुपये का इंतजाम करने के लिए कुछ समय मांगा। दोनों दरोगा ने उसे अंधेरे स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया।
एसपी शाहा ने दिखाई सक्रियता
एसपी शाहा ने सक्रियता दिखाई और क्राइम ब्रांच को तुरंत जिम्मेदारी सौंप दी। रात 11 बजे मकसूद ने अफजल से बात की तो उसने रेलवे स्टेशन के गेट नम्बर पर दो पर बुलाया। वहां पहुंचने पर गेट नम्बर 4 पर पहुंचने को कहा फिर मालकिन होटल के सामने। पुलिस भी पीछे-पीछे लगी हुई थी। मालकिन होटल के सामने अफजल को बात करते देख पुलिस कर्मियों ने उसे दबोच लिया। एसपी शाहा ने जब अफजल से सख्ती दिखाई तो उसने स्वीकार लिया कि उसकी भूमिका से ही दारोगा अभिजीत और रघुनंदन ने एहसान का अपहरण किया है।
एहसान को लेकर पहुंचे थे उरुवां थाना
इधर अफजल को पुलिस ने 11 बजे रात में पकड़ा और उधर दोनों दरोगा अहसान को लेकर उरुवां थाने पर पहुंच गए। हालांकि उरुवां थानेदार को एसपी का निर्देश मिल चुका था। तकरीबन 12 बजे जैसे ही दोनों दरोगा एहसान को लेकर पहुंचे पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। एहसान के चाचा मकसूद की तहरीर पर सोमवार को कैंट थाने की पुलिस ने उरुवां में तैनात दरोगा अभिजीत और रघुनंदन त्रिपाठी तथा अफजल के खिलाफ धारा 364ए और 507 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। तीनों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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