बरौली के सरेया नरेंद्र गांव के समीप पुलिया के पास पहिया धंसने से ट्रेलर के एक तरफ झुकते देख चालक ने जोर-जोर से चिल्लाकर पुलिया पर बैठे बच्चों को हटाने का प्रयास किया था। चालक के चिल्लाने पर पुलिया पर बैठे दो बच्चे को कूद कर साइफन के नीचे चले गए। लेकिन बच्चियां चालक के चिल्लाने को कुछ समझ नहीं पाईं। पुलिया पर बैठीं ये बच्चियां ट्रेलर के उनकी तरफ झुकते हुए देखती रहीं। इस बीच अचानक ट्रेलर तथा मार्बल्स उनके ऊपर गिर गया तथा पुलिया के रेलिग पर बैठीं सभी छह बच्चियां उसके नीचे दब गईं। जिससे उनकी मौत हो गई। वहीं बच्चियों के साथ एक तरफ पुलिया पर बैठे दो बच्चों के पुलिया से कूद कर साइफन के नीचे चले जाने से उनकी जान बच गई। इस घटना के बाद बदहवास बच्चे चिल्लाते हुए दौड़ते हुए गांव पहुंच कर छह बच्चियों के ट्रेलर के नीचे दबने की जानकारी दिया। बच्चियों के ट्रेलर के नीचे दबने की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में अफरा तफरी मच गई। खेतों में काम कर रहे ग्रामीण तथा घरों में मौजूद महिलाएं दौड़कर घटनास्थल पर पहुंचीं। हर तरफ चीख पुकार मच गई। इसी बीच सूचना मिलने पर मौके पर पदाधिकारियों के साथ पहुंची पुलिस ने जेसीबी बुलाकर ट्रेलर तथा मार्बल्स के नीचे दबीं सभी छह बच्चियों को निकाला। लेकिन तक इन सभी छह बच्चियों की मौत हो चुकी थी।[the_ad_placement id=”content-ads”]
बताया जाता है कि सोमवार की सुबह सरेया नरेंद्र नोनिया टोली के बच्चे गांव के पास संपर्क पथ पर बनी पुलिया पर बैठकर आपस में बात कर रहे थे। कुछ बच्चों की बकरियां पास में चर रही थीं। संपर्क पथ के एक तरफ पुलिया की रेलिग पर काजल कुमारी, प्रीति कुमारी, लाली कुमारी, छट्ठी कुमारी, पूनम कुमारी, सरला कुमारी के साथ इसी गांव का निवासी आठ वर्षीय रिशु कुमार उर्फ बमबम कुमार तथा एक अन्य बच्चा बैठा था। संपर्क पथ के दूसरी तरफ पुलिया की रेलिग पर लड़के बैठे थे। इसी बीच सुबह के करीब साढ़े आठ बच्चे संपर्क पथ से होकर मार्बल्स लेकर मुखिया के घर जा रहा ट्रेलर पुलिया के पास पहुंचा। साइफन के नीचे एक अन्य बच्चे के साथ अपनी जान बचाने वाले बमबम कुमार ने बताया कि पुलिया के पास ट्रेलर उनकी तरफ झुकने लगा। तभी चालक जोर-जोर से चिल्लाकर सभी को वहां से हटने के लिए कहने लगा। बच्चे ने बताया कि चालक के चिल्लाने पर वह तथा एक अन्य लड़का डर कर पुलिया के नीचे कुद कर साइफन में घुस गए। लेकिन लड़कियां पुलिया पर बैठीं रहीं। तभी उनके ट्रेलर के पटलने की आवाज आई। पुलिया के नीचे मार्बल्स का ढेर लग गया। चिखने चिल्लाने की आवाज कुछ देर तक आई, उसके बाद आवाज बंद हो गईं। उसने बताया कि आवाज बंद होने के बाद वह तथा उसका साथी बाहर निकला तो देखा की दूसरी तरफ पुलिया पर बैठे लड़के बदहवास होकर खड़े हैं। इसके बाद हम सभी चिल्लाते हुए दौड़ कर गांव पहुंचे तथा इस घटना के बारे में बताया। इसके बाद पूरे गांव में अफरा तफरी मच गई। जो जहां था वह दौड़कर पुलिया के पास पहुंच गया।[the_ad_placement id=”content-ads”]
मिठाई व दावत खाने के लिए स्कूल नहीं गए थे बच्चे:
हादसे में मारी गईं सभी छह बच्चियां गांव में स्थित उर्दू मकतब में पढ़ती थी। लेकिन इन बच्चियों के साथ सरेया नरेंद्र नोनिया टोली गांव के अधिकांश बच्चे मिठाई तथा दावत खाने के लिए सोमवार को स्कूल नहीं गए थे। बताया जाता है कि सरेया नरेंद्र नोनिया टोली निवासी रमेश महतो की बड़ी बेटी की शादी तय है। सोमवार को हल्दी कूटन का रस्म था। जिसे देखते हुए रमेश महतो की छोटी बेटी काजल कुमार के साथ ही गांव के अधिकांश बच्चे मकतब में पढ़ने नहीं गई। कुछ बच्चे बकरी चराने लगे तो कुछ बच्चे स्कूल ड्रेस पहन कर घर से निकल कर गांव के पास संपर्क पथ पर बने पुलिया पर आकर बैठ कर आपस में बाचीत करने लगे। बच्चों में काजल कुमारी की बहन की हल्दी कूटने की रस्म को लेकर काफी उल्लास था। वे मिठाइयां व दावत खाने को मिलने को लेकर काफी खुश थे। लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था। बच्चे पुलिया पर आकर बैठे ही थे कि कुछ देर बाद ही संपर्क पथ से होकर गुजर रहा ट्रेलर पुलिया के पास पलट गया। जिससे काजल कुमारी सहित छह बच्चियों की ट्रेलर व मार्बल्स के नीचे दबने से मौत हो गई। आपस में चचेरी बहनें थीं। हादसे में मारी गई काजल कुमार तथा दो अन्य बच्चियां स्कूल ड्रेस पहने हुई थीं।
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