सत्तरघाट महासेतु सड़क पर फैजुल्लाहपुर के समीप बाढ़ के पानी से एक पुलिया के एप्रोच रोड के ध्वस्त होने के मामले में डीएम के आदेश पर बैकुंठपुर थाने में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्रभारी थानाध्यक्ष नागेंद्र सहनी ने बताया कि तीनों मामले दर्ज होने के बाद छानबीन शुरू कर दी गई है।
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पहला केस
शुक्रवार को पहली प्राथमिकी जल संसाधन विभाग के संवेदक खोम्हारीपुर गांव निवासी उदय कुमार ने सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने की दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सत्तरघाट एप्रोच रोड पर बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ गया था। जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता ओमप्रकाश व नीरज कुमार मजदूरों के साथ बचाव कार्य करा रहे थे। इस बीच वहां पहुंचकर मुखिया पति संजय राय ने गाली-गलौज की। जिससे मजदूर व इंजीनियर काम छोड़ कर चले गए। रात 11 बजे से अगले दिन 11 बजे तक कार्य बाधित रहा।
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दूसरा केस
दूसरी प्राथमिकी बैकुंठपुर के सीओ पंकज कुमार ने दर्ज कराई है। जिसमें लॉकडाउन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। सीओ ने लॉकडाउन की अवधि में सत्तरघाट एप्रोच रोड पर नारे लगाने व प्रदर्शन करने का आरोप लगाया है। मामले में जिला परिषद सदस्य विजय बहादुर यादव समेत करीब 15 अज्ञात को आरोपित किया गया है।
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तीसरा केस
तीसरी प्राथमिकी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, कार्य व अवर प्रमंडल चंपारण के प्रोजेक्ट मैनेजर ने दर्ज कराई है। जिसमें अज्ञात लोगों पर चकिया-केसरिया-सत्तरघाट मुख्य के 27 वें किलोमीटर के समक्ष संपर्क पथ को ध्वस्त करने व अभियंताओं के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है।