कुचायकोट प्रखंड के कुचायकोट मस्जिद टोला गांव में चमकी बुखार से एक बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है । शनिवार को सिविल सर्जन डॉ. नंदकिशोर सिंह के नेतृत्व में चिकित्सकों के एक दल ने कुचायकोट मस्जिद टोला गांव में पहुंच पीड़ित परिवार से मिलकर बीमारी से संबंधित जानकारी ली। बुखार से पीड़ित इस गांव की एक अन्य बच्ची का इलाज गोरखपुर के एक अस्पताल में चल रहा है। उस बच्ची के परिजनों से भी मिल कर चिकित्सकों की टीम ने बीमारी के बारे में पूछताछ किया। इसके साथ ही इलाज के पर्चे और जांच रिपोर्ट को देखा।
जांच करने के बाद सिविल सर्जन डॉ.नंदकिशोर सिंह ने बताया कि परिजनों द्वारा बताए गए लक्षण तो चमकी बुखार जैसे ही लग रहे हैं। लेकिन गोरखपुर से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही बीमारी के बारे में सही-सही बताया जा सकता है। कुचायकोट प्रखंड के कुचायकोट मस्जिद टोला निवासी शंभू शाह की पुत्री नौ वर्षीय सृजन कुमारी तथा भोला शाह की छह माह की पुत्री दीपाली कुमारी को पांच दिन पूर्व तेज बुखार होने पर परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचायकोट में भर्ती कराया। जहां से चिकित्सकों ने दोनों बच्चियों की हालत नाजुक देख उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया । सदर अस्पताल में भी चिकित्सकों ने एक दिन इलाज करने के बाद दोनों बच्ची की हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया। गोरखपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान नौ वर्षीय सृजन कुमारी ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। जबकि दीपाली का अभी भी गोरखपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतक तथा पीड़ित बच्ची के परिजनों से बीमारी की जानकारी लेने व जांच रिपोर्ट को देखने के बाद सिविल सर्जन ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा की पीड़ित बच्चियां कौन सी बीमारी से ग्रसित हैं । हालांकि परिजनों ने जो लक्षण बताए हैं वह चमकी बुखार जैसे ही हैं। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार के लक्षण को देखते हुए सभी लोगों से आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की गई है । जांच टीम में सिविल सर्जन के अलावा आइडीएसपी (टेक्निकल सेल ) के रंजीत कुमार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचायकोट के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.रामलखन प्रसाद, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संदीप कुमार तथा स्वास्थ्य प्रबंधक अजीत कुमार शामिल रहे।