गोपालगंज रेलवे स्टेशन अब यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। यह रेलवे स्टेशन स्मैकियरों को ठिकाना बनता जा रहा है। स्टेशन के यात्री विश्राम गृह में स्मैकियर पूरे दिन स्मैक का कश लगाते हैं। कश लगाने के बाद विश्राम गृह में ही माचिस का तिल्ली फेंक कर चले जाते हैं। इस विश्राम गृह में हर तरफ माचिस की तिल्लियां बिखरी रहती हैं। विश्राम गृह में हर तरफ गंदगी फैली रहती है।
पूर्वोत्तर रेल प्रशासन रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधा बढ़ा रहा है। स्टेशनों पर यात्रियों के लिए पीने का पानी तथा बैठने की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराया जा रहा है। गोपालगंज रेलवे स्टेशन पर भी यह सुविधाएं उपलब्ध हैं। ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के विश्राम के लिए यहां यात्री विश्राम गृह बनाया गया है। लेकिन अब यह यात्री विश्राम गृह स्मैकियरों का ठिकाना बन गया है। यहां स्मैकियर बैठ कर स्मैक का कश लगाते हैं। बताया जाता है कि गोपालगंज रेलवे स्टेशन से होकर महज तीन ट्रेनों गुजरती हैं। सुबह आठ बजे छपरा- थावे पैसेंजर ट्रेन, सुबह साढ़े नौ थावे-छपरा पैसेंजर ट्रेन तथा शाम पांच बजे थावे- छपरा पैसेंजर ट्रेन गोपालगंज स्टेशन से होकर गुजरती है। बताया जाता है कि ट्रेनों के आने के समय रेल कर्मी स्टेशन पर मौजूद रहते हैं। इसके बाद वे स्टेशन से गायब हो जाते हैं। स्टेशन पर किसी कर्मी के मौजूद नहीं रहने से सन्नाटा पसरा रहता है। यह सन्नाटा स्मैकियरों की आवाजाही से टूटी है। पूरे दिन स्मैकियर रेलवे स्टेशन पर बने यात्री विश्राम गृह में बैठ कर स्मैक पीते रहते हैं। रेलवे स्टेशन के विश्राम गृह में बैठे रहने से यात्री उसमें जाने से परहेज करते हैं। इस संबंध में शनिवार को स्टेशन मास्टर तथा यहां तैनात रेल कर्मियों से संपर्क किया गया तो स्टेशन पर स्टेशन मास्टर सहित कोई कर्मी नहीं मिले।