बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के रेवतिथ गांव में शिक्षिका पुत्र की हत्या कर शव को जलाए जाने के मामले में चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार के न्यायालय ने छह आरोपित को आजीवन कारावास तथा 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद सजा काटने के लिए उन्हें जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के रेवतिथ गांव की मालती सिन्हा अपने माता-पिता की इकलौती संतान होने के कारण मायके में ही रह रही थीं। मायके में रहने के दौरान ही उन्हें शिक्षक की नौकरी मिल गई। लेकिन मायके में उनके पड़ोस के लोगों से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। लगातार बढ़ते विवाद के बाद वे अपने पति व पुत्र के साथ गोपालगंज चली आयीं। गोपालगंज से ही वे अपने विद्यालय में ड्यूटी के लिए जाती थीं। इसी बीच खेती बारी के सिलसिले में अपनी मां के घर गए मालती सिन्हा के पुत्र राजेश उर्फ पुटू की 27 अगस्त 2001 को हत्या कर दी गई तथा आनन फानन में हत्या करने वालों ने उसके शव को जला दिया। घटना की जानकारी होने के बाद मालती सिन्हा ने पुत्र की हत्या को लेकर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की। थककर उन्होंने इस संबंध में न्यायालय में परिवाद दाखिल किया। इस आपराधिक मामले में सीजेएम के आदेश के बाद बैकुंठपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें रेवतिथ गांव के वीरेश सिंह, रमेश सिंह, राजू सिंह, सत्यदेव सिंह, रामनिवास सिंह तथा योगेंद्र सिंह को नामजद आरोपित बनाया गया। इस आपराधिक मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार के न्यायालय ने सभी छह आरोपित को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास तथा 30-30 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर आरोपित को एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी विजय कुमार वर्मा ने न्यायालय में अंतिम बहस किया।