यह दृश्य देखकर कोई भी चौक जाएगा। लेकिन सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में खुद नाक में लगे पाइप पकड़ कर आक्सीजन लेते मरीज अक्सर दिख जाते हैं। सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को जरूरत पड़ने पर आक्सीजन देने की व्यवस्था है। यहां आक्सीजन सिलिंडर से लेकर पाइप तथा स्टैंड सब कुछ उपलब्ध है। लेकिन नोजल कैप की कमी के कारण यहां आक्सीजन लेने की जरूरत पड़ने पर मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। इस अस्पताल में भर्ती मरीजों को आक्सीजन देने के लिए सीधे नाक में पाइप लगा दिया जाता है। नाक में लगे पाइप को मरीज के साथ आए परिजन या खुद मरीज को पकड़नी पड़ती है। नाम में लगे पाइप को खुद पकड़ने के दौरान मरीजों को काफी दिक्कत होती है। आक्सीजन चढ़ने के दौरान मरीजों के जान पर आफत भी आ सकती है। लेकिन इसके बाद स्वास्थ्य महकमा इसके प्रति उदासीन बना हुआ है।
गुरुवार को सांस लेने में तकलीफ होने पर कुचायकोट बाजार निवासी रवींद्र प्रसाद को परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में ले आए। इमरजेंसी कक्ष में आने के बाद चिकित्सक ने इस मरीज को आक्सीजन देने के लिए स्वास्थ्य कर्मी को कहा। बेड खाली नहीं था। जिस पर स्वास्थ्य कर्मी ने मरीज को एक बेड पर बैठा कर आक्सीजन सि¨लडर का पाइप इनकी नाक में लगा दिया तथा पाइप को पकड़ने रहने को कहा। यह मरीज करीब एक घंटे तक अपने नाक में लगे पाइप को खुद पकड़े रहे। बताया जाता है कि सीधे नाक में पाइप लगा कर मरीज को पकड़ने के लिए कहने पर परिजनों ने इस पर आपत्ति भी जताई। लेकिन स्वास्थ्य कर्मी ने नोजल कैप उपलब्ध नहीं होने की बात कह अपनी मजबूरी जता दिया। वैसे यह कोई पहला वाक्या नहीं है। सदर अस्पताल में नोजल कैप की कमी के कारण मरीजों को आए दिन ऐसी स्थिति से दो चार होना पड़ता है। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. एके चौधरी ने कहा कि आक्सीजन चढ़ाने के लिए नोजल कैप मंगाया जा रहा है। जल्द की यह समस्या दूर हो जाएगी।