इसी सड़क से होकर लोग नजदीक रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के भटनी जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने जाते हैं। यह पथ विजयीपुर प्रखंड के कई गांवों तक आने जाने का भी मुख्य सड़क है। लेकिन विजयीपुर-भटनी पथ चलने लायक नहीं रह गई है। गड्ढे से पटी इस सड़क पर राहगीरों की दिल की धड़कन बढ़ जाती है। नवतन मोड़ से लेकर नवतन गांव तक तो इस सड़क का अस्तित्व ही मिट चुका है। इस सड़क पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस सड़क के किनारे ही भोरे विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिल कुमार का पैतृक गांव महुअवा भी पड़ता है। लेकिन इसके बाद भी इस सड़क की दशा सुधारने के लिए न तो जनप्रतिनिधियों ने पहल की और ना ही प्रशासन ने।
विजयीपुर से उत्तर प्रदेश की भटनी जाने वाली विजयीपुर-भटनी पथ इस इलाके की मुख्य सड़क है। लगभग दस किलोमीटर लंबी इस विजयीपुर प्रखंड को उत्तर प्रदेश से जोड़ती है। विजयीपुर से उत्तर प्रदेश की सीमा महज तीन किलोमीटर दूरी पर है। लेकिन यह तीन किलोमीटर दूरी तय करना भी राहगीरों पर भारी पड़ता है। नवतन मोड़ से नवतन गांव तक इस सड़क से गुजरने वाले लोगों का कलेजा कांप उठता है। पूरी तरह से गड्ढे से पट चुकी इस सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। इस इलाके के ग्रामीण बताते हैं कि इसी सड़क से होकर इस इलाके के लोग नजदीकी रेलवे स्टेशन भटनी जंक्शन ट्रेन पकड़ने जाते हैं। जीप से जाने पर दस किलोमीटर दूरी तय करने में डेढ़ घंटा लगता है। इस सड़क पर भटनी जंक्शन से तक ऑटो भी चलता है। लेकिन ऑटो सही सलामत भटनी तक पहुंच पाएगा कि नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि इसी सड़क कि किनारे विधायक अनिल कुमार का पैतृक गांव महुअवा भी पड़ता है। लेकिन इसके बाद भी इस सड़क की दशा सुधारने के लिए पहल नहीं की जा रही है।