शहर के बीचोबीच स्थित ¨मज स्टेडियम के कायाकल्प की योजना एक बार फिर प्रशासनिक फाइल में उलझती नजर आ रही है। करीब डेढ़ साल पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी राहुल कुमार ने ¨मज स्टेडयिम के अलावा पंडित दीनदयाल स्टेडियम की दशा में सुधार की घोषणा की थी। लेकिन लंबा समय बीतने के बाद भी इस दिशा में पहल नहीं होने से लोगों की उम्मीदें टूटने लगी है।
1857 में गोपालगंज को अनुमंडल बनाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद जिला मुख्यालय में एक स्टेडियम की स्थापना की गई। तब स्टेडियम को फुटबॉल खेलने के लायक बनाया गया। समय के साथ इस स्टेडियम का विकास हुआ और इसमें गैलरी आदि का निर्माण कराया गया। पिछले दो दशक में इस स्टेडियम के विकास के नाम पर कोई भी प्रयास नहीं किया गया। हां समय के साथ इसे सरकारी कार्यक्रम स्थल के रूप में परिणत कर दिया गया। ऐसे में इस स्टेडियम में खेल आदि के आयोजन कम होते गए। स्टेडियम में दशा लगातार खराब होता देखकर तत्कालीन जिलाधिकारी ने करीब डेढ़ साल पूर्व स्टेडियम में स्तरीय बनाने का एलान किया। साथ ही शहर के दीनदयाल स्टेडियम की स्थित में सुधार के लिए राशि का आवंटन जल्द ही प्राप्त होने का दावा किया। लेकिन समय के साथ यह दावा भी अन्य सरकारी योजनाओं की तरह संचिका में ही उलझकर रह गया। लंबी अवधि बीतने के बाद भी स्टेडियम की दशा में कोई भी सुधार नहीं हो सका है। किया गया था प्राक्कलन तैयार होने का दावा
करीब डेढ़ साल पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी ने जिले में खेलकूद के संसाधनों को उपलब्ध कराने के दिशा में अपने स्तर पर पहल करते हुए मिंज स्टेडियम के विकास के लिए बकायदा प्राक्कलन आदि बनाने का भी कार्य पूर्ण होने का दावा किया था। तब जिलाधिकारी ने कहा था कि प्राक्कलन के हिसाब से राशि की मांग सरकार से की गई है। लेकिन इस घोषणा के बावजूद इस दिशा में कोई भी प्रयास नहीं हो सका है। प्राक्कलन में थी स्टेडियम को स्तरीय बनाने की बात
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो खेलकूद के विकास के लिए सर्वप्रथम शहर के बीचोबीच स्थित मिंज स्टेडियम को स्तरीय बनाने की बात प्राक्कलन में शामिल थी। अलावा इसके स्टेडियम में नए सिरे से मंच बनाने से लेकर पार्किंग आदि की भी व्यवस्था की जानी थी। साथ ही खिलाड़ियों के लिए भी स्टेडियम में संसाधन उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। लेकिन तमाम दावे आज भी धरातल पर उतरते नहीं दिख रहे हैं।
दीनदयाल स्टेडियम भी बदहाल:
शहर में ही स्थित दीनदयानल स्टेडियम की दशा भी बेहद खराब है। जिलाधिकारी द्वारा दोनों स्टेडियम की दशा सुधारने की घोषणा के बाद वीएम इंटर कॉलेज के पीछे स्थित दीनदयाल स्टेडियम की बाउंड्री भी ध्वस्त हो चुकी है। लेकिन निर्माण तो दूर इसकी मरम्मत तक प्रशासनिक स्तर पर अबतक नहीं कराई जा सकी है।