बिहार और यूपी पुलिस के लिए चुनौती रहे कुख्यात रईस खान को सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता की अदालत ने गुरुवार को जमानत दे दी. कोर्ट को चार्जशीट नहीं मिलने पर जमानत मंजूर करनी पड़ी. रईस खान को पुलिस की लापरवाही का फायदा मिला. इस पर कोर्ट ने काफी नाराजगी जतायी है. साथ ही ऐसे अनुसंधान करने वाले पुलिस अधिकारियों पर गंभीर टिप्पणी भी की है. मांझा पुलिस 93 दिनों तक कोर्ट को रईस खा के विरुद्ध चार्जशीट नहीं सौंप सकी. गौरतलब है कि सीवान जिले के सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर गांव के कुख्यात रईस खां के विरुद्ध मांझा थाना में सेना में प्रयोग किये जाने वाले एके 56 राइफल और गोली उपलब्ध कराने एवं कुख्यात अबरैन मियां के साथ देने का आरोप था. हालांकि, रईस खान को सीवान पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
इस मामले में कोर्ट के आदेश पर रईस खां को रिमांड पर लिया गया था. रईस पर तीन दर्जन से हत्या,लूट, अपहरण और पुलिस मुठभेड़ जैसे संगीन आरोप हैं. सीवान जेल में बंद है. अभी दर्जन भर मामलों में सुनवाई चल रही है. इस बीच मांझा के इस कांड में उसे जमानत मिल गयी. जमानत के लिए रईस खान की तरफ से अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि 90 दिनों के भीतर पुलिस को डायरी देनी थी. पुलिस डायरी नहीं दे रही तो इसमें आरोपित का क्या दोष. पुलिस जानबूझ कर आरोपित को फंसा रही है. दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत की अर्जी मंजूर कर ली.
कोर्ट ने एसपी से पूछा, लापरवाह अधिकारियों पर क्या हुई कार्रवाई :
सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट ने रईस खां को जमानत देते हुए एसपी से पूछा है कि ऐसे लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कौन सी कार्रवाई की गयी है. अब तक आठ मामलों में समय पर चार्जसीट नहीं मिलने पर आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. रईस खा जैसे कुख्यात अपराधी की जमानत मिलने के पीछे भी पुलिस अधिकारी की लापरवाही है. एसपी को कड़ा पत्र कोर्ट ने भेजा है. अब कोर्ट के इस पत्र के बाद कई पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है.
मुठभेड़ के बाद एके-56 हुआ था बरामद
मंझागढ़ थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, प्रतापपुर के गेट पर 2016 में छह मई को पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से एके-56 रायफल के साथ कई हथियार बरामद किये गये थे. तब कुख्यात रईस खान और अबरैन मियां मौके से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. तत्कालीन एसपी निताशा गुड़िया ने भोजपुरवा गांव निवासी अपराधी अबरैन मियां और उसके गिरोह के सदस्य पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था. पुलिस के मुताबिक उस समय एक ऑटोमेटिक रेगुलर एके 56 राइफल, 102 गोली, तीन लोडेड मैगजीन, एक राइफल, दो मोबाइल फोन समेत कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे. बरामद की गयी एके 56 राइफल रईस खान का बताया गया था. बाद में पुलिस ने अबरैन को भी गिरफ्तार किया था. अबरैन पर जिले के विभिन्न थानों में 12 से अधिक संगीन मामले दर्ज होने की बात बतायी थी. बिहार-यूपी में पुलिस ने अबरैन की तलाशी कई महीनों तक की थी.
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