जल, जीवन व हरियाली अभियान का असर नए साल में दिखेगा। इसके तहत अतिक्रमण के कारण अस्तित्व खो रहे पुराने तालाबों के दिन अब बहुरेंगे। जिले के 234 पंचायतों में 887 पुराने तालाबों को चिन्हित कर जिला प्रशासन ने इन तालाबों का कायाकल्प करने की पहल की है। इस पहल के तहत इन तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उन्हें उनके पुराने स्वरूप में लाने के लिए जीर्णोद्धार किया जाएगा। इन तालाबों के किनारे पौधे भी लगाए जाएंगे। ताकि इन तालाबों के दोबारा अतिक्रमण नहीं किया जा सके।
लगातार गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए सरकार ने पुराने तालाब व परंपरागत जल स्त्रोत की दशा सुधारने की सरकार ने पहल की है। इस पहल के तहत जिला स्तर पर भी पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार तथा इनकी स्थित को दुरुस्त करने की कवायद शुरू की गई। जिलाधिकारी अरशद अजीज ने जिले में स्थित पुराने तालाबों को चिन्हित कर उन्हें उनके पुराने स्वरूप में लौटाने की दिशा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश पर प्रारंभिक स्तर पर किए गए सर्वेक्षण में इस बात का पता चला कि जिले के 234 पंचायतों में 887 ऐसे पुराने तालाब हैं, जिन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराकर उन्हें पहले चरण में उनके पुराने स्वरूप में लाया जा सकता है। इस सर्वेक्षण के बाद चिन्हित किए गए तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं। वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद संबंधित अंचल पदाधिकारी ने अतिक्रमित किए गए तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दिया है। इन तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद इनका पुराने स्वरूप में लाया जाएगा।
मनरेगा के तहत गहरे किए जाएंगे तालाब:
गोपालगंज : चिन्हित किए गए पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार किए जाने की पहल के तहत सबसे पहले इन्हें गहरा किया जाएगा। इन तालाबों को गहरा करने का काम मनरेगा के तहत मजदूरों के माध्यम से किया जाएगा। तालाब गहरा किए जाने के दौरान तालाब से निकलने वाली मिट्टी उसके चारों तरफ डालकर उसे ऊंचा किया जाएगा। साथ ही तालाब के चारों ओर मिट्टी बराबर कर पौधरोपण भी किया जाएगा।