पूरे जिले में लॉकडाउन का असर दिख रहा है। शहर से लेकर गांवों तक की गलियां सूनी हैं तथा सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। इस बीच आवश्यक सामानों को छोड़ अन्य दुकानों पर ताला लटका रहता है। चाय की दुकानें भी बंद हैं। लोग घरों में कैद हैं। चौक-चौराहों पर पुलिस का पहरा है। बेवजह घर से बाहर निकलने वाले लोग सुरक्षा कर्मियों के निशाने पर हैं। पुलिसकर्मी उन्हें खदेड़ने के साथ विधिक कार्रवाई भी करते हैं।
अमूमन लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। हालांकि कुछ घुमक्कड़ यदा-कदा सड़कों पर दिखाई दे जाते हैं तो उन्हें पुलिस का कोपभाजन होना पड़ रहा है। देश में कोरोना संक्रमित लोगों की बढ़ती तादाद ने सरकार के साथ ही आमजन को चिता में डाल दिया है। इसके चलते नगरों के साथ ही गांवों में भी लॉकडाउन का बखूबी पालन किया जा रहा है। कई गांवों को तो खुद ग्रामीणों ने पूर्णतया लॉकडाउन कर दिया है। गांवों के प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग कर दी है। शहरी इलाके के लोग भी घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं। ऐसे में गांव से लेकर शहर तक में चहल-पहल खत्म हो गई है।
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सोशल मीडिया पर बीत रहा लोगों का समय
गोपालगंज : लॉकडाउन से घरों में रहने को विवश लोगों को समय काटने में काफी दिक्कत हो रही है। बुजुर्गो का सहारा टीवी बना हुआ है। रामायण व महाभारत देखने के साथ ही देशभर की गतिविधियों की जानकारी लेने के लिए समाचार भी देख रहे हैं। वहीं युवाओं का अधिकांश समय सोशल मीडिया पर बीत रहा है। महिलाएं घरों का कामकाज निपटाने में लगी रहती हैं। जबकि बच्चे घरों में कैरम बोर्ड, शतरंज व लूडो खेल रहे हैं।