शुक्रवार को गोपालगंज के महम्मदपुर नोनिया टोली में बालू लदे ट्रक का पीछा कर रही पुलिस की जीप ने एक महिला को कुचल दिया। घटना में महिला की मौत हो गई। घटनास्थल पर फंसी पुलिस जीप से शराब की बोतल मिली। इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता की। नशे की जांच के लिए घंटों बाद आरोपित पुलिसकर्मियों के ब्लड सैंपल लिए गए। पुलिस वाहन से शराब की बोतल मिलने के बावजूद पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं की गई। हां, उन्हें गैर इरादतन हत्या के आरोप में निलंबित जरूर कर दिया गया है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार गोपालगंज के महम्मदपुर नोनिया टोली में बालू लदे ट्रक का पीछा कर रही पुलिस की जीप ने एक महिला को कुचल दिया। जीप महिला को सौ मीटर घसीट ले गई और गड्ढ़े में जाकर फंस गई। बाद में महिला की मौत हो गई।
दुर्घटना देख ग्रामीण दौड़े और से जीप में सवार दारोगा अजय कुमार तथा सहायक दारोगा नंद किशोर को पकड़ लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि दोनों नशे में थे। ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बनाकर कमरे में बंद कर एसएच 101 को जाम कर दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस जीप में शराब की बोतल मिली। इससे ग्रामीण और भड़क गए।
मामला बढ़ता देख एसपी रवि रंजन ने एसआइ अजय कुमार, एएसआइ नंदकिशोर सहित पेट्रोलिंग पार्टी में शामिल पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पांचों पुलिसकर्मियों पर गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। नशे में होने के आरोपों की पुष्टि के लिए उनके ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए मुजफ्फरपुर भेजे गए हैं।
पुलिस जांच पर उठ रहे सवाल
लेकिन, कुछ ग्रामीण इस घटना की जांच में पुलिस की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। उनका सवाल है कि जब घर से शराब की बाेतल मिलने पर एमएलसी मनोरमा देवी को जेल जाना पड़ा था तो उसकी कानून के तहत इन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? कुछ लोग यह संदेह भी जता रहे हैं कि शायद वर्दी के पॉवर का दुरुपयोग कर पुलिस ने अपने साथियों को बचाने के लिए जीप से शराब की बरामदगी दिखाई ही नहीं हो। शराब पीने की पुष्टि के लिए घंटों बाद ब्लड सैंपल लेने पर भी सवाल खड़े किए गए।
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