गुरुवार की रात्रि हुए अग्निकांड में बखरोद्दीन के परिवार के आठ सदस्यों की जिंदा जलने से मौत हो गई। इस घटना में परिवार का इकलौता चिराग कश्मीर में होने के कारण बच गया। शुक्रवार को घटना की सगे संबंधियों ने फोन पर उसे सूचना दी।
जानकारी के अनुसार करीब छह माह पूर्व ही घर की माली हालत खराब देखकर बखरोद्दीन का सबसे बड़ा पुत्र 16 वर्षीय सहाबुद्दीन मेहनत मजदूरी के लिए कश्मीर चला गया। तब उसके पिता ने उसकी कम उम्र का हवाला देकर घर पर रोकने की कोशिश भी की थी। लेकिन परिवार की खराब स्थिति को देख वह पिता व मां से जल्द ही आने की बात कहकर चला गया। गांव के लोगों ने बताया कि काफी कम जमीन होने के कारण बखरोद्दीन का परिवार एक छोटे से भूखंड पर एक ही झोपड़ी मे सोता था। अगर सहाबुद्दीन भी घर पर होता तो शायद उसकी भी जान इस घटना में नहीं बच पाती।
मेहनत मजदूरी ही था जीवन यापन का साधन:
बखरी गांव के बखरोद्दीन का परिवार काफी गरीब था। गांव में जमीन नहीं के बराबर ही थी। ऐसे में उनका पूरा परिवार मेहनत मजदूरी करके ही जीवन यापन करता था। परिवार के बखरोद्दीन ही एकमात्र मजदूरी करने वाले सदस्य थे। यहीं कारण था कि उनके बड़े पुत्र ने कम उम्र में ही मजदूरी करने का निर्णय ले लिया।
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One response to “कुचायकोट: कश्मीर में होने के कारण बच गया घर का इकलौता चिराग”
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