कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा चिनी मिल हादसे को लेकर मिल के प्रबंध निदेशक महमूद अली शुक्रवार को सामने आए। प्रेस वार्ता कर उन्होंने हादसे को लेकर अपनी सफाई पेश किया। उन्होंने हादसे से जुड़ी सभी पहलुओं पर जानकारी दी ।श्री अली ने कहा कि मिल प्रबंधन नियमों की अनदेखी नहीं की गई । यह एक प्राकृतिक हादसा था । फैक्ट्री का बॉयलर नहीं फटा था। बॉयलर पूरी तरह सुरक्षित है। दरअसल बॉयलर हाउस के आपरेटर बॉडी का एक पाइप और उसका पेंदी टूट कर नीचे लगे मोटर पर गिर गया था। जिससे ये हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि हादसे से करीब दो घंटे पहले वे बॉयलर हाउस का विजीट कर वापस लौटे थे । तब तक सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था । हादसे के बाद वो फैक्ट्री पहुंच कर घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की। लेकिन दौरान कुछ लोगों ने गार्डों के साथ मारपीट शुरू कर दी। कुछ लोगो ने पिटकर एक गार्ड का हाथ भी तोड़ दिया। स्थिति बिगड़ते देखा पूरी जानकारी प्रशासनिक पदाधिकारियों को देने के बाद वे अपने आवास पर चले आए ।
प्रबंध निदेशक ने कहा कि उनके दादाजी इब्राहीम अली ने 1932 मे मिल की स्थापना की । इस क्षेत्र के किसानों और मिल प्रबंधन के बीच मजबूत सहयोग रहा । मिल संचालन के साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में भी अपना योगदान दिया है । मिल में हुई क्षति के बारे में उनका कहना था कि इंजीनियरों की टीम नुकसान का आकलन करेगी । इसके बाद रिपेयर की प्रक्रिया शुरु होगी । प्रबंध निदेशक ने कहा कि कुछ अराजक तत्वों द्वारा मिल में लूटपाट भी की गई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मिल का संचालन शुरू करने से पूर्व तीन बार विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई थी और कोई कमी नहीं पाई गयी थी ।
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