तंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के एजेंट कांग्रेस के छात्र संगठन एनयूएसआइ के जिला सचिव के संपर्को को खंगालने में जुटी रही। इस दौरान एनआइए की टीम ने एक स्कूल संचालक तथा एक कोचिंग सेंटर संचालक को अस्थाई रूप से बनाए गए अपने कैंप में बुलाकर घंटों पूछताछ किया। दिन भर चली जांच पड़ताल के दौरान धन्नू राजा के संरक्षक एनआइए के रडार पर आ गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि इन संरक्षकों का सहारा लेकर ही धन्नू राजा लश्कर का नेटवर्क तैयार कर रहा था। एनआइए टेरर फंडिंग की जांच पड़ताल में भी जुटी हुई है। नोटबंदी के समय अलग-अलग खाता खुलवा कर पुराने नोट बदले जाना भी जांच के दायरे में आ गया है।
बीते 28 नवंबर को एनआइए ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लश्कर ए तैयबा के एजेंट नईम शेख को गिरफ्तार किया था। नईम शेख की निशानदेही पर बीते 30 दिसंबर को गोपालगंज पहुंची एनआइए की टीम ने शहर के जादोपुर मोड़ से कांग्रेस के छात्र संगठन एनयूएसआइ के जिला सचिव धन्नू राजा उर्फ बेदर बख्त को गिरफ्तार कर लिया था। सूत्र बताते हैं कि धन्नू राजा को गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को एनआइए की टीम फिर जिले में पहुंच गई है। गुरुवार को एनआइए की टीम धन्नू राजा के संपर्कों को खंगालने में जुटी रही। इस दौरान एनआइए ने जादोपुर रोड स्थित एक पब्लिक स्कूल के संचालक तथा एक को¨चग सेंटर के संचालक को अस्थाई रूप से बनाए गए कैंप में बुलाकर घंटों पूछताछ किया। सूत्रों के अनुसार वाराणसी से गिरफ्तार किए गए नईम शेख ने इस कोचिंग सेंटर में कुछ समय कंप्यूटर का प्रशिक्षण लिया था। सूत्रों की मानें तो इस कोचिंग सेंटर में नईम शेख की कुछ हिस्सेदारी भी है। जिस स्कूल संचालक से एनआइए की टीम ने पूछताछ की है सूत्र बताते हैं कि उससे भी धन्नू राजा तथा नईम शेख के संबंध थे।
डेढ़ साल तक नाम बदल कर शहर में रहा था नईम शेख
लश्कर का एजेंट नईम शेख करीब डेढ़ साल से अपना नाम बदल कर शहर में किराए के मकान लेकर रहा था। इस दौरान उसने मिलने के लिए नेपाल से लेकर दूसरे प्रांत को लोग मिलने आते जाते रहते थे। सूत्रों के अनुसार नईम शेख को सिवान जिले के किसी युवक ने अपने संपर्क के माध्यम से शहर में रखने की व्यवस्था की थी। यहां आने के रहने के दौरान ही नईम शेख के संपर्क में धन्नू राजा आया गया तथा उसके लिए काम करने लगा।
बाहर से आने वालों के रहने की व्यवस्था करता था धन्नू राजा
एनआइए के हत्थे चढ़ा धन्नू राजा नईम शेख के संपर्क में आने के बाद लश्कर ए तैयबा के लिए काम करने लगा था। सूत्रों की मानें तो धन्नू राजा को लश्कर ने गोरखपुर में स्थित गोरखा रेजिमेंट सेंटर, गोरखपुर एयर फोर्स स्टेशन, दानापुर आर्मी केंद्र की रेकी करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके साथ ही धन्नू राजा नेपाल से लेकर जिले सहित आसपास के जिलों में लश्कर का स्लीपर सेल भी तैयार कर रहा था। सूत्रों के अनुसार हवाला के जरिए आने वाले रुपये को लश्कर के एजेंटों तक पहुंचाने में भी धन्नू राजा महत्वपूर्ण कड़ी था। सूत्र बताते हैं कि नईम शेख को जिले में रहने के लिए धन्नू राजा ने ही किराया का मकान उपलब्ध कराया था। शहर के पुरानी चौक तथा आजाद नगर में किराया का मकान लेकर वह बाहर से आने वाले लश्कर के एजेंटों को रुकने की व्यवस्था करता था।
विजयीपुर तथा भोरे की तरफ अक्सर जाया करता था धन्नू राजा
एनआइए के हत्थे चढ़ा धन्नू राजा अक्सर जिले के भोरे तथा विजयीपुर प्रखंड क्षेत्र में आया जाता करता था। सूत्र बताते हैं कि हर दो चार दिन में धन्नू राजा कार से अकेले ही भोरे तथा विजयीपुर की तरफ निकल जाता था। वहां वह सड़क पर ही कार रोक कर अलग-अलग युवकों से बात करने के बाद आगे निकल जाता था। सूत्रों के अनुसार एनआइए को भी धन्नू राजा के भोरे तथा विजयीपुर में तैयार किए गए नेटवर्क की भनक लग गई है। एनआइए की जिले में आई अलग-अलग टीमें भोरे तथा विजयीपुर में भी धन्नू राजा द्वारा तैयार किए गए नेटवर्क का खंगाल रही है।
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