दूसरे प्रांतों से बिहार की सीमा में पहुंच रहे प्रवासियों को उनके गृह जिले पहुंचाने के लिए जलालपुर रेलवे स्टेशन से चार विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। लेकिन इन ट्रेनों पर चढ़ने के दौरान प्रवासियों की लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है। स्टेशन के बाहर लाइन लगाने से लेकर ट्रेन में चढ़ने के दौरान इन शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाई जा रही है। पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल नहीं रहने के चलते प्रशासन भी इन प्रवासियों से सख्ती से शारीरिक दूरी का पालन नहीं करा पा रहा है। तमाम प्रवासी बिना फेस मास्क या फेस कवर के ही भीड़ में शामिल होकर खांसते और छींकते देखे जा रहे हैं।
बलथरी चेक पोस्ट पर दूसरे प्रवासी कामगारों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन और रेलवे की पहल पर जलालपुर रेलवे स्टेशन से चार विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन ट्रेनों से जाने वाले प्रवासियों की भारी भीड़ जलालपुर स्टेशन के पीछे जमी रहती है। आवश्यक कार्रवाई के बाद इन्हें टिकट उपलब्ध कराया जाता है। टिकट लेकर जब ट्रेन आने का समय होता है तो ये प्रवासी एक दूसरे में चिपक कर खड़े हो जाते हैं और ट्रेन आने के बाद धक्का-मुक्की करते हुए स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं। ट्रेन के बोगी में सवार होने के दौरान भी पूरी तरीके से शारीरिक दूरी भंग हो जाती है। जिसका खामियाजा बहुत से लोगों को कोरोना से संक्रमित होकर भुगतना पड़ सकता है।
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प्रशासन उठा रहा प्रवासियों को उनके गृह जिले भेजने का खर्च:
विभिन्न प्रदेशों से आने वाले जिन प्रवासियों को ट्रेनों से जलालपुर स्टेशन से उनके जिलों को भेजा जा रहा है, उसका पूरा खर्च जिला प्रशासन उठा रहा है। प्रवासियों को टिकट के साथ ही जिला प्रशासन खाने का पैकेट और एक बोतल पानी भी उपलब्ध करा जा रहा है। इस संबंध में बीडीओ दीपचंद जोशी ने बताया कि जिला प्रशासन ने यह व्यवस्था की गई है कि लगभग 10 -12 घंटे की यात्रा में प्रवासियों को कोई दिक्कत नहीं हो। इसलिए काउंटर पर उनके नाम पता और मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद उन्हें टिकट उपलब्ध कराया जाता है। टिकट के साथ ही उन्हें खाने का पैकेट और पानी का बोतल भी उपलब्ध करा दिया जाता है। जिससे प्रवासियों को गंतव्य तक पहुंचने के दौरान खाने पीने की कोई परेशानी नहीं हो।
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टेंपरेचर लेने के बाद प्रवासियों के हाथ पर मुहर लगा रहीं एएनएम:
विभिन्न प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों की ट्रेन में सवार होने से पहले उनकी स्क्रीनिग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा ट्रेन यात्रा करने से पहले उनका टेंपरेचर लिया जाता है। सब कुछ ठीक-ठाक रहने के बाद उन्हें टिकट उपलब्ध कराया जाता है। जलालपुर रेलवे स्टेशन के पीछे प्रशासन द्वारा लगाए गए शिविर में तीन एएनएम की ड्यूटी प्रवासियों का चिकित्सकीय जांच करने के लिए लगाया गई है। एएनएम सभी प्रवासियों का टेंपरेचर लेने के बाद उनके हाथ पर मुहर लगाती हैं। यह मोहर देखने के बाद ही दूसरे काउंटरों पर उनका नाम पता दर्ज करने के बाद उन्हें टिकट तथा भोजन तथा पानी उपलब्ध कराया जाता है।
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दिव्यांग युवक ने एक पैर से पैदल तय किया सौ किलोमीटर दूरी:
जलालपुर स्टेशन के पीछे एक दिव्यांग युवक को एक पैर से उछलते उछलते स्टेशन के तरफ बढ़ते देख सबकी आंखें उस तरफ उठ गईं। आसपास मौजूद कुछ लोग इस युवक की मदद में लगे थे । युवक ने काउंटर पर पहुंचने के बाद टिकट के साथ भोजन का पैकेट और पानी का बोतल लिया और एक पैर से उछलते उछलते रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की तरफ रवाना हुआ । युवक के चेहरे पर थकान तो थी लेकिन उसके हौसला बुलंद था । उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से जलालपुर पहुंचने तक बीच की यात्रा में इस दिव्यांग युवक ने सौ किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल इसी तरह एक ही पैर पर उछलते उछलते पूरी की थी। कटिहार जिले के नगरी प्रभा गांव निवासी दिव्यांग मंजर ने बताया कि वह इंटर की परीक्षा देने के बाद अपने भाई से मिलने अलीगढ़ गया हुआ था। इस दौरान लॉक डाउन में फंस गया। जब वहां खाने-पीने की दिक्कत होने लगी तो अपने भाई तथा अन्य लोगों के साथ वह पैदल ही अपने घर की तरफ निकला। रास्ते में कुछ मालवाहक वाहनों के ऊपर बैठकर दूरी पूरी की और कुछ यात्रा बीच में मिले बस से की । उसके साथियों ने बताया कि सौ किलोमीटर से अधिक की दूरी मंजर ने पैदल इसी तरह एक पैर से उछलते उछलते पूरा किया। इस दिव्यांग युवक का साहस और हौसले को देख हर कोई उसे शाबाशी देने से अपने आप को नहीं रोक पा रहा था। जलालपुर रेलवे स्टेशन से यह दिव्यांग युवक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बैठकर अपने जिला कटिहार के लिए रवाना हो गया।