एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल के स्ट्रांग रूम से मैट्रिक की 42 हजार चार सौ कॉपियों के गायब होने के मामले की जांच शुरू हो गयी है़ शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल में पहुंच कर पूरे प्रकरण की जांच की.
इस दौरान प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव से दो घंटे तक पूछताछ की गयी. प्राचार्य के अलावा अधिकारियों ने अन्य कर्मियों से भी पूछताछ की गयी. डीईओ अखिलेश प्रसाद, डीपीओ पूनम चौधरी, अनिल कुमार द्विवेदी, धनंजय पासवान, राघवेंद्र त्रिपाठी की टीम सुबह छह बजे स्कूल पहुंच गयी थी. जांच अधिकारियों ने कर्मियाें से अलग-अलग बयान दर्ज किया.
जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर की इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर है.शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्राचार्य ने कहा कि साहब साजिश के तहत कॉपियों की चोरी कर कबाड़खाने में बेची गयी है. मुझे चार महीने बाद रिटायर होना है. कुछ लोग मुझे टारगेट कर रखे थे. उन्हीं लोगों ने मिल कर स्कूल की छुट्टियों में ताला खोल कर रात में पिकअप वैन या मिनी ट्रक से कॉपियों को ले जाकर बेच दिया.
कबाड़खानों पर भी है नजर
पुलिस के अधिकारी कबाड़खानों पर नजर लगाये हुए हैं. गोपनीय तरीके से इसकी जांच चल रही है. शहर के कबाड़खाने वालों से भी पूछताछ की गयी है. पुलिस सूत्रों की मानें तो शहर के पांच कबाड़खानों की जानकारी जुटायी जा रही है. इनके द्वारा चोरी की कॉपियों को अगर खरीदे होने का साक्ष्य मिला, तो त्वरित कार्रवाई की जायेगी.
गायब 42 हजार चार सौ से अधिक कॉपियां सायंस की थीं
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने नवादा जिले की कॉपियों को मूल्यांकन के लिए एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल में भेजा था. यहां कॉपियों की जांच के बाद अंसरशीट बोर्ड को भेज दी गयी तथा कॉपियों को स्ट्रांग रूम में सील कर दिया गया. समिति ने टेबलेटिंग के दौरान छात्रों के रिजल्ट को टॉपर देखकर उनकी कॉपियों की मांग की.
इस दौरान सामाजिक विज्ञान की दो, हिंदी की दो, संस्कृत की दो, गणित की दो, विज्ञान की दो, अंग्रेजी की दो समेत कुल 12 कॉपियों के गायब होने की जानकारी बोर्ड के कर्मी सुजीत कुमार ने प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को फोन कर दी. प्राचार्य ने मूल्यांकन केंद्र को खोल कर जांच की तो पता चला कि सायंस की 42 हजार चार सौ से अधिक कॉपियां गायब हैं.
चोरी से पहले स्ट्रांग रूम का ताला नहीं किया गया था सील
मूल्यांकन केंद्र एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल में बने स्ट्रांग रूम का ताला सील नहीं किया गया था. चार सदस्यीय विशेष जांच टीम की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ है.
पड़ताल के दौरान अधिकारियों ने पाया कि जिस स्ट्रांग रूम में कॉपियां रखी गयी थीं, उसे सील नहीं किया गया था, बल्कि जब कॉपियां चोरी होने का मामला उजागर हुआ तो आनन-फानन में स्ट्रांग रूम के ताले को सील किया गया. इस मामले के उजागर होने के बाद मामले में एक नया तथ्य सामने आया है. अब इसको लेकर भी गहन जांच की जायेगी.
कहीं फर्जीवाड़े के कारण तो नहीं गायब हुईं कॉपियां
एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल के मूल्यांकन केंद्र से कॉपियों के गायब होने की घटना में स्कूल प्रबंधन संदेह के घेरे में है. जानकार बताते हैं कि बिहार में शिक्षा माफियाओं द्वारा रिजल्ट में बड़े पैमाने पर धांधली और फर्जीवाड़ा किया जाता रहा है.
42400 कॉपियों के गायब होने के पीछे भी रिजल्ट में फर्जीवाड़े की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है. कॉपियों को गायब कर साक्ष्य को मिटा दिया गया है, ताकि बिहार परीक्षा समिति चाह कर भी फर्जीवाड़े को पकड़ न सके. मंगलवार को पूरे दिन इस फर्जीवाड़े की चर्चा होती रही.