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कोरोना अप्डेट्स: गांववालों ने लगाया No Entry का बोर्ड, मस्जिदों में नहीं पढ़ेंगे नमाज

गोपालगंज शहर में लॉकडाउन (Lockdown) तो साफ़ दिख रहा है. लेकिन गांवों में कई जगहों पर लोग खुलेआम घूम रहे है और एक-दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रख रहे हैं. गांवों के अंदर भी लोग खुलेआम घूम रहे हैं. ग्रामीण अपने गांव तो छोड़िए दूसरे गांवों में घूमने भी जा रहे हैं. हालांकि इन सबके बीच एक खबर मांझागढ़ के दानापुर गांव के लोगों ने अपने गांव को कोरोना (Coronavirus) से बचाव के लिए टोटल लॉकडाउन कर दिया है. यहां गांव के बाहर ग्रामीणों ने बांस से सड़कों की नाकाबंदी कर दी है. गांव के बाहर प्रवेश द्वार पर बड़े बड़े अक्षरों में नो इंट्री (No Entry) का बोर्ड लगा दिया है.
 
ग्रामीणों के मुताबिक आज जुम्मा है, लेकिन सोशल डिस्टेन्सिंग को लेकर गांव के मस्जिदों में कोई सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. इसके साथ ही इस गाँव के बाहर कोई व्यक्ति तब तक नहीं जायेगा. जबतक यह लॉक डाउन जारी रहता है. इसके साथ ही इस गाँव में आने वालो पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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मस्जिद में नहीं पढ़ी जाएगी नमाज
ग्रामीण नसीरुद्दीन अहमद के मुताबिक मांझागढ़ प्रखंड के इस दानापुर गांव को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है. यहां जुम्मे की नमाज भी अदा नहीं की जा रही है. मस्जिद को बंद कर दिया गया है. इस गांव में आने वाले और बाहर वालों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गयी है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सके और दूसरो को भी बचाया जा सके.
जिला प्रशासन लगातार कर रही मॉनिटरिंग
बता दें कि लॉकडाउन के बावजूद बिहार में कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में हर कोई इसके संक्रमण से बचने के लिए उपाय कर रहा है. जिला प्रशासन द्वारा भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. लोगों से घरों में ही रहने की अपील की जा रही है.
पुलिस तफरीह करने वालों बरसा रही है लाठी
जिला प्रशासन की हिदायत के बावजूद लोग अपने घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर तफरीह कर रहे हैं. पुलिस तफरीह करने वालों पर लाठी चार्ज भी कर रही है. ऐसे में मांझागढ़ के दानापुर के ग्रामीणों ने खुद अपने गांव को आइसोलेट कर एक मिसाल पेश की है.