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कोरोना अप्डेट्स: जोखिम में हैं कोरोना से जंग लड़ रहे चिकित्सकों की जान

यहां कोरोना से जंग लड़ रहे चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों की जान खतरे में हैं। विदेश तथा बाहर से आए लोगों को पंचायत स्तर पर खोले गए क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। प्रतिदिन चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों की जांच करने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को न एन-95 मास्क उपलब्ध कराया गया है और ना ही पीपीई कीट (पर्सनल प्रोटेक्शन कीट) उपलब्ध कराया है।
 
ये चिकित्सक बिना किसी सुरक्षा कवच के सिर्फ सर्जिकल मास्क और कैप लगा कर आवंटित क्षेत्र के क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों की जांच व स्क्रीनिग करते हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों से सूचना मिलने पर गांवों में बाहर से आए लोगों के घर पर जाकर उनकी जांच कर रहे हैं। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आफताब आलम में बताया कि करोना से लड़ने के लिए फ्रंट लाइन में चिकित्सक है, जो बिना किसी सुरक्षा कवच के अपनी जान को हथेली पर लेकर बाहर से आए लोगों की जांच कर रहे हैं। चिकित्सक डॉ. शशिशेखर कुमार, डॉ. अनिल सिंह, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. केपी सिंह, डॉ. धर्मेंद्र, डॉ. कुमार निशांत व डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि हम सभी प्रतिदिन ईमानदारी से जोखिम लेते हुए करोना फाइटर के रूप में कर रहे हैं।