अब कृषि विभाग जैविक खेती करने की पहल तेज हो गई है। इस पहल के तहत जिले के सभी पंचायतों में चौपाल लगाकर किसानों को जैविक खेती का पाठ पढ़ाने की पहल की गई है। इस पहल के तहत शुक्रवार को पंचदेवरी, थावे तथा कटेया प्रखंड के पंचायतों में किसानों की चौपाल लगाई गई। इन चौपाल में जैविक खेती के साथ ही वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर भी जोर दिया गया। शुक्रवार को पंचदेवरी प्रखंड के खाल गांव पंचायत भवन पर किसान चौपाल लगाकर इस अभियान की शुरुआत की गई। चौपाल को संबोधित करते हुए । जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद ने कहा कि किसान परंपरागत खेती को छोड़ समेकित कृषि प्रणाली को अपनाएं तथा अपनी आमदनी दोगुनी करें। इस चौपाल में किसानों ने भी खुलकर अपनी समस्याएं रखी। समय से डीजल अनुदान नहीं मिलने तथा योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ नहीं मिलने की शिकायत किसानों ने पदाधिकारियों से किया। जिला कृषि पदाधिकारी ने किसानों को हर योजनाओं से लाभान्वित करने का आश्वासन दिया । साथ ही समेकित कृषि प्रणाली को पूर्ण रूप से अपना कर अपनी आमदनी दोगुनी करने की अपील किसानों से किया। उन्होंने कृषि के साथ साथ पशुपालन, बागवानी आदि में भी वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने की सलाह दिया। चौपाल में नोडल कृषि समन्वयक सुनील कुमार सिंह, साबिर अली, पंकज पाण्डेय, अरविंद सिंह, गुड्डू पाण्डेय, रामअयोध्या सिंह, मुखिया पति स्वामीनाथ भगवत , राजाराम सिंह, हरिराम दुबे , जगदीश दुबे सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे। शुक्रवार को थावे के एकडेरवा पंचायत में भी किसान चौपाल लगाया गया। जिसका उद्धाटन पूर्व मुखिया ओमप्रकाश राय ने किया। चौपाल में किसानों को उन्नत खेती करने के विषय मे जानकारी दी गई। किसानों को परम्परागत तरीके से खेती को छोड़ कर आधुनिक तरीके से खेती करने के बारे में जानकारी दी गई। कृषि समन्यक राजदेव राय ने कहा की सरकार किसानों को खेती करने के लिए बीज के साथ ही कृषि यंत्रों पर भी अनुदान दे रही है। किसान सलाहकार उमेश सिंह ने किसानों को जीरो टिलेज , बीज ग्राम योजना , आम , केला और पपीता की खेती करने के साथ ही खर पतवार निवारण के विषय मे जानकारी दिया। दी । उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को वर्मी कम्पोस्ट, वर्मी वेड लगाने के लिए अनुदान दे रही है। एक किसान को पांच वर्मी कम्पोस्ट लगाने पर 20 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। चौपाल में जयराम सिंह , मुकेश प्रसाद, भृगुनाथ नाथ सिंह, भरत सिंह सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।