सिविल कोर्ट गोपालगंज के स्पेशल कोर्ट सह एसीजेएम प्रथम बालेंद्र शुक्ला की कोर्ट ने राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी, लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव काली प्रसाद पांडेय, जदयू के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पटेल, जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष सदानंद सिंह और समता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रसिद्ध नारायण मिश्र को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक 20 वर्ष पुराने मामले में साक्ष्य के अभाव में कोर्ट बरी कर दिया. इस कांड के दो अन्य नेताओं समता पार्टी के संस्थापक भोला बाबू और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मनदेव तिवारी की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है.
लोकसभा चुनाव 1998 को लेकर पूरे जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गयी थी. इसके बावजूद बरौली थाने के देवापुर बाजार में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री स्वर्गीय बृजकिशोर नारायण सिंह की मूर्ति स्थापना के लिए एक हजार लोगों की भीड़ के बीच समारोह आयोजित किया गया था.
इस मामले में तत्कालीन सदर एसडीओ गणेश प्रसाद ने तत्कालीन समता पार्टी के महासचिव शिवानंद तिवारी, जन कांग्रेस के नेता काली प्रसाद पांडे, समता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रसिद्ध नारायण मिश्र, युवा समता पार्टी के नेता प्रमोद पटेल, भितभेरवां गांव के निवासी सदानंद सिंह, भाजपा नेता मनदेव तिवारी और समता पार्टी के संस्थापक भोला बाबू के खिलाफ मुकदमा किया था. इस मामले में 20 साल बाद ही एक भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका. कोर्ट ने इनको साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में गहमागहमी का माहौल बना रहा. कोर्ट परिसर में अपने नेता से मिलने के लिए कार्यकर्ता भी भीड़ लगाये हुए थे.