प्रखंड में एक झोला छाप डॉक्टर ने इलाज के दौरान एक तीन वर्षीय मासूम बच्चे की जान ले ली. मंगलवार की सुबह हुई इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को भोरे-विजयीपुर मेन रोड़ पर रखकर उसे जाम कर दिया. साथ ही जमकर हंगामा भी किया. परिजनों के हंगामे के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने डॉक्टर की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ. बताया जाता है कि विजयीपुर थाने के हरदिया मुसहर टोला निवासी राज किशोर मंडल के तीन वर्षीय पुत्र रोहित कुमार की तबीयत अचानक खराब हो गयी.
दो दिन पहले परिजन उसे विजयीपुर में डॉ संजय कुमार कुशवाहा के क्लिनिक पर ले गये. सोमवार को परिजन बच्चे को लेकर घर चले आये. इसी बीच सोमवार की देर रात अचानक बच्चे की तबीयत फिर बिगड़ गयी. इसके बाद बच्चे को पुन: डॉक्टर के क्लिनिक में लाया गया. डॉक्टर ने बच्चे को स्लाइन चढ़ाना शुरू किया, इसी बीच उसकी मौत हो गयी. बच्चे के मौत सूचना मिलते ही डॉक्टर क्लिनिक छोड़ कर फरार हो गया. इधर, परिजनों ने शव को मुख्य सड़क पर रख कर जाम कर दिया.
देखते-ही-देखते लोगों की भीड़ जमा हो गयी, चारों तरफ से दर्जनों की संख्या में वाहन जाम में फंस गये. सूचना पाकर मौके पर पहुंची विजयीपुर पुलिस ने लोगों को शांत कराया तथा चिकित्सक की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. एक तरफ प्रशासन जाम को हटाने में लगा था, तो वहीं दूसरी तरफ चिकित्सक के समर्थक इस मामले को मैनेज करने में लग गये.
बाद में डॉक्टर द्वारा परिजनों को मुआवजा दिये जाने के बाद बच्चे के शव को खनुआ नदी के किनारे दफना दिया गया.
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