शराब पीने के आरोप में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को जेल भेज दिया गया था जेल में रहने के दौरान शिक्षक को न तो ससपेंड किया गया और न ही उतने दिन तक जेल में रहने के बावजूद उसके वेतन में कोई कटौती की गयी. मामला सिधवलिया के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरिया पूरब में तैनात सहायक शिक्षक नंद किशोर प्रसाद का है.
हथकड़ी लगे इस शिक्षक के ऊपर आरोप है कि वह शराब के नशे में धुत्त होकर बाइक चला रहा था. इस शिक्षक का नाम नंदकिशोर प्रसाद है. वह सिधवलिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, डुमरिया पूरब में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात है.
इस शिक्षक को शराब पीकर हंगामा करने के दौरान बीते 4 मई को ग्रामीणों ने पिटाई कर उसे मांझा पुलिस को सौप दिया था. मांझा पुलिस ने शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार शिक्षक को थाना कांड संख्या 107/18 उत्पाद अधिनियम के तहत जेल भेज दिया. जेल में बंद रहने की वजह से नंदकिशोर प्रसाद 5 मई से 18 मई तक स्कूल से अनुपस्थित रहा. इस दौरान मांझा पुलिस ने सिधवलिया के प्रखंड शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर उत्पाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार करने की सूचना दी थी. ताकि उसके ऊपर विभागीय कारवाई हो सके.
लेकिन सूचना के बावजूद शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा आरोपी शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. जबकि सरकारी अधिनियम के तहत किसी भी आरोप में जेल जाने के दौरान ही आरोपी का निलंबन कर विभागीय कारवाई शुरू कर दी जाती है.
लेकिन इस मामले में विभागीय पदाधिकारियों की मिली भगत से निलंबन की कोई कारवाई नहीं की गयी. बल्कि आरोपी शिक्षक के द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर 19 मई से ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली. इस मामले में जब डुमरिया पूरब उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्राचार्य उपेन्द्र राम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नंदकिशोर प्रसाद 5 मई से 18 मई तक गैरहाजिर रहे. वे शराब पीने के आरोप में जेल में बंद थे. प्राचार्य ने जेल में जाने की सूचना विभागीय पदाधिकारियों को दे दी थी. लेकिन इसके बावजूद उनका निलंबन नहीं किया गया.
इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद से पूछा गया तो उन्होंने कहा की उन्होंने हाल में ही अपना पद ग्रहण किया है. इसलिए उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. वे मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कारवाई करेंगे.