कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की जिदगी को बचाने की जंग चल रही है। लॉकडाउन लागू होने के बाद गांवों से लेकर शहर तक की सड़क व गलियों में सन्नाटा कायम है। इस बीच अगर कुछ लोग घर से बाहर निकल भी रहे हैं तो सिर्फ दो वक्त के खाने-पीने के सामान के लिए। इस बीच गुरुवार को लॉकडाउन तोड़ने में बदनाम रहे इलाकों व गली-मोहल्लों में भी लोगों की चहलकदमी अन्य दिनों की अपेक्षा कम ही देखने को मिली। हालांकि इन इलाकों में अभी और कड़ाई की जरुरत है, लेकिन मुहल्ले के कुछ एक नागरिक उन्हें टोकने की जिम्मेदारी संभाले नजर आ रहे हैं।
पूरे जिले में लॉकडाउन का व्यापक असर दिख रहा है। लोग ही अब इसके लिए जागरूक हो गए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की भयावहता का अंदाजा लोगों को लग गया है। यहीं कारण है कि सतर्कता हर इलाके में बढ़ी है। प्रशासनिक अधिकारी से लेकर पुलिस के जवान तक जहां लॉकडाउन व व्यवस्था को संभालने में दिन रात एक कर रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारी व चिकित्सक खुद इस जंग को लड़कर लोगों को ठीक करने की व्यवस्था में जुटे हैं। ऐसी भी बात नहीं कि कुछ लोग कुछ भी हो, नहीं सुधरेंगे के प्रण के साथ सड़क पर आ रहे हैं। लेकिन पुलिस भी उनकी धुलाई करने में पीछे नहीं है। प्रत्येक दिन दर्जनों लोग पुलिस के डंडे के शिकार हो रहे हैं। पुलिस वाले भी खामोश रास्ते पर चौबीस घंटे की पहरेदारी इसी लिए कर रहे हैं कि लोगों की जिदगी को हर हाल में बचाने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
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कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जुटी पुलिस ने जिले के सीमावर्ती इलाकों में निगरानी को और बढ़ा दिया है। इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में बनाए गए चेक बैरियर पर जवान हर आने-जाने वाले पर नजर रख रहे हैं। ताकि दूसरे प्रदेश से पहुंचे लोगों की तत्काल जांच कराई जा सके। इस कार्य में चेक बैरियर पर दो सौ से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। अलावा इसके जिला मुख्यालय से लेकर हाल ही में कोरोना पॉजिटिव मिले थावे प्रखंड तक अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। ताकि लोग बेवजह घरों से बाहर नहीं निकल सकें और लोगों का भविष्य सुरक्षित हो सके।