जल, जीवन व हरियाली को लेकर आगामी 19 जनवरी को जिले में 465 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनेगी। इस मानव श्रृंखला में जिले के 12 लाख से अधिक लोग भाग लेंगे। महज कुछ देर से लिए आयोजित होने वाले इस मानव श्रृंखला कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि में प्रशासनिक अधिकारी, तमाम सरकारी कर्मचारी व आम लोग भाग लेंगे। मानव श्रृंखला का हर स्तर पर पर्यवेक्षण किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो निर्धारित समय पर कुछ देर के लिए आवागमन पर भी रोक लगाई जाएगी।
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2016 में शराब बंदी तथा वर्ष 2017 में दहेज उत्पीड़न को लेकर पूरे जिले में मानव श्रृंखला आयोजन किया गया था। दोनों वर्ष की मानव श्रृंखला काफी सफल रही थी। इस साल भी 19 जनवरी को जल, जीवन व हरियाली को लेकर मानव श्रृंखला बनाने को लेकर प्रशासनिक तैयारियां प्रारंभ की गई है। जिला स्तर पर इस मानव श्रृंखला को लेकर बैठकों का दौर प्रारंभ हो गया है। मानव श्रृंखला के लिए रुट चार्ट को लेकर प्रशासनिक तैयारियां भी अंतिम दौर में पहुंच गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो यह मानव श्रृंखला जिले में अबतक की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला होगी। जिले की मानव श्रृंखला पड़ोसी जिले सिवान तथा चंपारण जिले को एक दूसरे से जोड़ेगी। प्रशासनिक स्तर पर इस कार्यक्रम में सभी सामाजिक संगठन के अलावा आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, जीविका कर्मी, आशा कार्यकर्ता तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को भी जोड़े जाने की कवायद की जा रही है। ताकि हरेक व्यक्ति तक जल, जीवन व हरियाली का संदेश पहुंचाया जा सके।
प्रत्येक एक किलोमीटर पर तैनात होंगे नोडल पदाधिकारी:
मानव श्रृंखला कार्यक्रम में प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक नोडल पदाधिकारी को तैनात किया जाएगा। नोडल पदाधिकारी को अपने क्षेत्र में नजर रखने की जिम्मेदारी होगी। अलावा इसके इस अभियान का पर्यवेक्षण पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर पर भी किया जाएगा।