वैसे तो पूरे देश में कोरोना एक गंभीर संकट बनकर उभरा है। लेकिन जिले में भी तीन कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन से 62 गांवों पर अपनी सख्ती को बढ़ा दिया है। इस बीच अधिकारियों की टीम से लेकर पुलिस कर्मियों तक को गांवों की सतत निगरानी रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। खुद जिलाधिकारी अरशद अजीज भी प्रत्येक दिन वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से तीन प्रखंड में चिन्हित किए गए गांवों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि 31 मार्च को जिले में कोरोना का पहला संक्रमित मिलने के बाद थावे प्रखंड के 15 गांवों की चौकसी बढ़ा दी गई थी। इसके दो दिन बाद भोरे व उचकागांव प्रखंड में दो संक्रमित मिलने के बाद दोनों प्रखंड के नौ पंचायतों 47 गांवों की निगरानी बढ़ा दी गई। इसके तहत इन गांवों को जोड़ने वाली सड़कों को अवरुद्ध कर वहां जवानों का पहरा बैठाने के साथ ही संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का सैंपल प्राप्त कर उनकी जांच कराई गई। प्रशासनिक स्तर पर इन गांवों से बाहर कोरोना का संक्रमण नहीं फैले, इसके लिए कई प्रबंध किए गए हैं। प्रखंडों में तमाम एहतियाती उपाय की जिम्मेदारी बीडीओ व सीओ संभाल रहे हैं। जबकि गांवों में लोगों के आने-जाने पर रोक तथा लोगों की गतिविधि पर लगाम लगाने की कमान पुलिस के जिम्मे है।
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चार स्तर पर रखी जा रही गांवों की निगरानी:
प्रशासन चार स्तर पर चिन्हित किए गए गांवों की निगरानी रख रहा है। गांवों में आवाजाही पर रोक के लिए पुलिस तैनात है तो इन गांवों को सैनिटाइज कराने की व्यवस्था बीडीओ व सीओ को सौंपी गई है। इसी प्रकार चिन्हित गांवों के लोगों की नियमित जांच व संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जांच की जिम्मेदारी सिविल सर्जन व चिकित्सकों के दल की है। जबकि इन गांवों में लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था की जवाबदेही संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी की है।
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संक्रमित के संपर्क में आए 30 लोगों का सैंपल निगेटिव:
थावे प्रखंड में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए 30 लोगों की सैंपल जांच के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है। इस रिपोर्ट के आने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है। जिलाधिकारी अरशद अजीज ने बताया कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी संपर्क में आए लोगों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
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परदेशियों की निगरानी को डाटाबेस तैयार:
जिलाधिकारी ने बतया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद दिल्ली, पंजाब, हरियाणा तथा उत्तरप्रदेश के विभिन्न इलाकों से पहुंचे 6700 से अधिक लोगों का डाटाबेस तैयार कर उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है। इन लोगों में संक्रमण के लक्षणों की भी जांच को चिकित्सकों के दल को तैनात किया गया है। ताकि अगर इनमें कोई लक्षण दिखे को उस स्थिति में उन्हें तत्काल चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराया जा सके।