मीरगंज थाना क्षेत्र के जिगना ढाला के समीप बाईपास रोड पर अपने वर्कशॉप के बाहर बैठे पूर्व मुखिया अरुण सिंह को गोली मारकर भाग रहे बाइक सवार अपराधियों का ग्रामीणों ने पीछा भी किया था। इसी बीच अपराधी कुछ देर के लिए रुक गए तथा ग्रामीणों की तरफ पिस्तौल तान दिया। पिस्तौल तान देने से पीछा कर रहे ग्रामीण वहीं ठिठक गए। इसके बाद अपराधी बाइक से सिवान की तरफ भाग निकले। इसी बीच पूर्व मुखिया अरुण सिंह को गोली मारने की जानकारी लगते ही आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई। हथुआ रेलवे रैक प्वाइंट के समीप कुख्यात राजकुमार शर्मा की गोली मार कर हत्या के चौबीस घंटे के अंदर पूर्व मुखिया अरुण सिंह की हत्या से मीरगंज में दहशत का माहौल है। पूर्व मुखिया को गोली मारने की जानकारी मिलते ही वर्कशॉप पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी घटना की जानकारी लेने में जुट गए। ग्रामीणों के चेहरे पर दहशत के साथ ही आक्रोश भी दिखा। ग्रामीणों का आक्रोश फूटे इससे पहले ही मौके पर पहुंची पुलिस खून से लथपथ पूर्व मुखिया को सदर अस्पताल लेकर चली गई। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इधर पूर्व मुखिया को सदर अस्पताल ले जाने के बाद वर्कशॉप से लोगों की भीड़ छंटने लगी। ग्रामीण सदर अस्पताल पहुंचने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दो बाइक पर सवार चार अपराधी पूर्व मुखिया को गोली मारने के बाद हथियार लहराते हुए फरार हो गए।
सीमा सील कर पुलिस ने शुरू किया वाहन चेकिग अभियान:
पूर्व मुखिया अरुण सिंह की गोली मार कर हत्या के बाद पुलिस ने अपराधियों की धर पकड़ के लिए छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है। पूर्व मुखिया को गोली मारने के बाद सक्रिय हुई पुलिस जिले की सीमा को सील कर मीरगंज के छाप मोड़ पर वाहनों की सघन जांच करने लगी। वहीं जिगना बजरंग बाजार, रेलवे ढाला, मीरगंज शहर के रेलवे ढाला, बदरजीमी लगड़ा पुल आदि स्थानों पर भी पुलिस सघन चेकिग अभियान चलाने लगी। लेकिन तब तक पूर्व मुखिया को गोली मार कर भाग रहे अपराधी जिले की सीमा से बाहर निकल चुके थे।
साल 2001 में मुखिया चुने गए थे अरुण सिंह:
अपराधियों के गोली के शिकार बने अरुण सिंह वर्ष 2001 में हथुआ प्रखंड के मटिहानी नैन पंचायत के मुखिया चुने गए थे। ये लगातार पांच साल तक मुखिया पद पर बने रहे। अगले चुनाव वर्ष 2006 में महिला के लिए सीट आरक्षित होने पर उन्होंने अपनी पत्नी अल्का सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। जिसमें उन्होंने सफलता मिली। इनकी पत्नी मुखिया चुनी गईं। तीसरी बार अरुण सिंह ने खुद चुनाव लड़ा। लेकिन इन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद ये ठेकेदारी के धंधे से जुड़ कर अपना व्यवसाय करने लगे। चार महीने पहले ही इन्होंने जिगना ढाला के समीप सर्विस सेंटर खोला था।
मुखिया पति हत्याकांड में थे आरोपित:
मटिहानी नैन पंचायत की मुखिया नीलम देवी के पति व जदयू नेता उपेन्द्र सिंह कुशवाहा की हत्या में पूर्व मुखिया अरूण सिंह आरोपित थे। उपेंद्र सिंह की हत्या वर्ष 2018 में 14 सितम्बर को गोली मार कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कुख्यात विशाल सिंह, पिता रामप्रवेश सिंह, छोटा भाई करण सिंह के साथ ही पूर्व मुखिया अरुण सिंह को भी नामजद आरोपित बनाया गया था। इस हत्याकांड में कुख्यात विशाल सिंह के पिता के साथ ही पूर्व मुखिया अरुध सिंह को भी गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था। वर्ष 2019 के सितम्बर माह में पूर्व मुखिया अरुण सिंह जमानत पर जेल से छूटे थे। हत्या के मामले में जेल से बाहर निकलने के बाद पूर्व मुखिया अरुण सिंह अपने गांव के ही समीप एनएच 85 पर फर्स्ट च्वायस नामक वर्कशॉप खोल कर वाहनों की खरीद-बिक्री में जुट गए। प्रतिदिन वह वर्कशॉप पर बैठकर व्यवसाय का संचालन करते थे। रविवार को भी वह वर्कशॉप पर बैठे थे। तभी यहां दो बाइक पर सवार होकर पहुंच अपराधियों ने इनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
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तीन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही पुलिस:
पूर्व मुखिया अरुण सिंह की गोली मार कर हत्या के बाद पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर तीन युवकों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए युवकों से पुलिस पूछताछ कर रही है। हालांकि हिरासत में लिए गए युवकों के बारे में जानकारी देने से पुलिस कतरा रही है। हिरासत में लिए गए युवकों से पूछताछ करने के साथ ही पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।