किसान इस योजना से दोहरा लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत किसानों को अपने निजी जमीन पर पौधरोपण करने के लिए दाम देकर पौधे नहीं खरीदने पड़ेंगे। इसके साथ ही पौधों की देखभाल करने के लिए किसानों को प्रति पौधे के हिसाब से वन विभाग प्रोत्साहन राशि भी देगा। किसान को पौधे के लिए सरकारी पौधशाला जाने की भी अब जरूरत नहीं पड़ेगी। इस योजना के तहत किसान बिना दाम दिए निजी पौधशालाओं से पौधे ले सकते हैं। वन विभाग ने जिले में आठ निजी पौधाशाला स्थापित किया है। इन पौधशालाओं में सागवान, शीशम से लेकर अर्जुन इत्यादि के पौधे उपलब्ध हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नजदीकी पौधशाला या वन विभाग के कार्यालय में आवेदन देना होगा। आवेदन के साथ पासबुक, आइडी प्रूफ तथा जिस भूमि पर पौधरोपण करना है उसका रेंट रसीद की स्व अभिप्रमाणित प्रति जमा करनी होगी।
सरकार पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर पौधरोपण को बढ़ावा दे रही है। हर साल वन विभाग जिले में तटबंध से लेकर सड़कों के किनारे पौधे लगाता है। मनरेगा के तहत भी पंचायतों में पौधे लगाए जाते हैं। अब इस अभियान में एक और कड़ी जुड़ गई है। अब वृक्ष लगाएं, राज्य को हरा भरा बनाएं योजना के तहत वन विभाग ने किसानों को अपने निजी जमीन में पौधरोपण करने के लिए प्रोत्साहित करने की पहल की है। इस संबंध में भोरे वन क्षेत्र पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत अब किसान निजी पौधशालाओं से भी निश्शुल्क पौधे ले सकते हैं। जिले में वन विभाग ने आठ निजी पौधशाला स्थापित की है। इन पौधशालाओं में सागवान, यूकेलिप्टस, शीशम, महोगनी, अर्जुन इत्यादि के पौधे उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पौधों की देखभाल के लिए तीन साल तक प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। प्रति जीवित पौधे के लिए किसानों को पहले साल दस रुपया, दूसरे साल दस रुपये तथा दूसरे साल 15 रुपये के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान नजदीकी पौधशाला, प्रक्षेत्र कार्यालय या वन प्रमंडल कार्यालय में आवेदन के साथ अपना पासबुक, आइडी प्रुफ तथा जिस भूमि पर पौधरोपण करना है उसका रेंट रसीद की स्वअभिप्रमाणित प्रति जमा कर सकते हैं।