गोपालगंज में किसान जहां एक तरफ बारिश नहीं होने से सूखे की मार झेल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ गंडक के दियारे इलाके के किसान गंडक के जलस्तर के बढ़ने से अपनी फसलों की तबाही से परेशान हैं. दरअसल नेपाल में हो रही बारिश से गंडक में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. जलस्तर बढ़ने की वजह से तटबंधों पर गंडक का दबाव तो बढ़ा ही हुआ है साथ ही गंडक के नीचे वाले इलाके में सैकड़ो एकड़ में लगी मक्के और गन्ने की फसल पानी में डूब गयी है.
गंडक में कई एकड़ फसल के डूबने से सबसे ज्यादा नुक्सान मक्के की फसल पर पड़ रहा है. यहां कुचायकोट प्रखंड के विशम्भरपुर, काला मटिहनिया, धुपसागर सहित दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां के किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल तटबंध की दूसरी तरफ गंडक के नीचे वाले इलाके में है.विशम्भरपुर थाना के फुलवरिया गांव के 60 वर्षीय किसान अली मोहम्मद बताते हैं कि उनके पास महज एक बीघा खेत है. इस खेत में वे करीब बीस कट्ठे की जमीन पर मकई की खेती किये हुए हैं लेकिन गंडक में जलस्तर बढ़ने की वजह से उनकी मक्के की फसल पानी में डूब गयी है. पानी की वजह से उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी है. वे अपनी मकई की फसल को समय से पहले काट रहे हैं ताकि उसका चारा पशुओं के काम आ सके.गंडक के नीचे वाले इलाके में रहने वाले दर्जनों गांवों के किसानों की कमोवेश यही हालत है. हालांकि जिले के दूसरे इलाके के किसान सूखे की मार झेल रहे हैं. यहां समय से बारिश नहीं होने की वजह से धान की फसल सूखने लगी है. जिसकी वजह से इस बार गोपालगंज में अकाल की साया मंडराने लगा है.