पूर्व जिला परिषद सदस्य तथा भारतीय एकता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र पड़ित के घर हुई छापेमारी व वहां से बरामद किए गए सामानों के बाद पुलिस ने दावा किया कि उनके घर से वाहनों का नकली कागजात बनाने के साथ-साथ अन्य कागजातों का फर्जीवाड़ा भी किया जाता था। कांड दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने आरोपित योगेंद्र पड़ित को रविवार की शाम जेल भेज दिया।
शनिवार को आरोपित पूर्व जिला पार्षद की गिरफ्तारी के बाद जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर के निर्देश पर बीडीओ ने पुलिस बल के साथ योगेंद्र पड़ित के घर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान जांच टीम ने कई वाहनों के नकली कागजात, सारण डीटीओ की मुहर, कंप्यूटर सेट, प्रिंटर तथा कई फर्जी कागजातों को बरामद किया। छापेमारी दल में शामिल सदर बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर ने बताया कि योगेंद्र पंडित पूर्व में भी कई फर्जीवाड़ा मामले में संलिप्त रहा है। छापेमारी के दौरान वाहनों का दर्जनों नकली पेपर, फार्म 23, वाहनों के नियम वाली किताबें, फर्जी पासपोर्ट बरामद किया है। जिसको लेकर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। ज्ञातव्य है कि पूर्व जिला पार्षद योगेंद्र पड़ित ने अपने ही घर में भारतीय एकता दल का कार्यालय खोल रखा है।
सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में अलग से प्राथमिकी:
रजिस्ट्री कचहरी में मारपीट व भय का माहौल बनाने को लेकर जिला निबंधन के प्रधान सहायक चंद्रिका राम ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया है। दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने आरोप लगाया है कि शनिवार को रजिस्ट्री कचहरी में पहुंच कर योगेंद्र पंडित व गंगदयाल यादव सहित दस अज्ञात लोगों ने रजिस्ट्री कचहरी में मारपीट की। साथ ही कातिबों को धमकाने का कार्य कर रहे थे। जिससे सरकारी कार्य करीब तीन घंटे पूरी तरह से प्रभावित रहा। हंगामा व मारपीट के कारण निबंधन कार्यालय में आगे का कार्य प्रभावित हुआ और कई लोग बैरंग वापस लौट गए।