कुचायकोट थाना में जब्त की गई शराब को वाहन पर लादकर बाहर सप्लाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस विभाग तथा मद्य निषेध विभाग इस मामले की जांच पड़ताल में जुटा हुआ है। पटना से एक डीएसपी के नेतृत्व में पहुंची मद्य निषेध विभाग की टीम ने सदर एसडीपीओ नरेश पासवान के साथ थाना के माल खाना में जब्त शराब की जांच पड़ताल किया। इस दौरान थाने के बाहर पुलिस बल की तैनाती कर बाहर से किसी अनावश्यक व्यक्ति को थाना में घुसने नहीं दिया गया। इस मामले में निलंबित किए गए कुचायकोट थानाध्यक्ष रितेश कुमार भूमिगत हो गए हैं। उनके आवास पर ताला लटका हुआ है। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ है। इस बीच बुधवार की रात जांच टीम ने कुचायकोट थाने में तैनात दो पुलिस अवर निरीक्षक, एक चौकीदार तथा एक वाहन चालक को हिरासत में ले लिया । इन चारों को जिले के किसी दूसरे थाने में ले जाकर पूछताछ की जा रही है ।
बीते चार जुलाई रविवार को सोशल मीडिया पर पांच वीडियो क्लिपिग वायरल हुआ था । इस वीडियो क्लीपिग में कुचायकोट थाना में जब्त शराब को माल खाना के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे ट्रक कंटेनर से निकाल कर एक पिकअप में लाद कर बाहर ले जाया जा रहा था। वायरल वीडियो में पुलिस के वाहन के एस्कॉर्ट में पिकअप थाना परिसर से बाहर निकलता हुआ दिख रहा है। थाना में जब्त शराब को बाहर सप्लाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस तथा मद्य निषेध विभाग हरकत में आया । पटना से मद्य निषेध विभाग के डीएसपी सुबोध कुमार के नेतृत्व में पदाधिकारियों की एक टीम कुचायकोट थाने पहुंची और इस मामले की जांच पड़ताल का काम शुरू किया। प्रथम ²ष्टया वायरल वीडियो के जांच पड़ताल के बाद मंगलवार की शाम एसपी नीताशा गुड़िया ने कुचायकोट थानाध्यक्ष रितेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया । देर रात पुलिस ने थाने में तैनात दो अवर निरीक्षक अशोक यादव और महेंद्र कुमार तथा चौकीदार मुन्ना राय व वाहन चालक अमित कुमार को हिरासत में ले लिया ।बताया जाता है कि निलंबित किए जाने के बाद कुचायकोट द्यथानाध्यक्ष रितेश कुमार अपने आवास में ताला लगाकर भूमिगत हो गए हैं। बुधवार को ाी भी देर शाम तक मद्य निषेध विभाग तथा पुलिस की संयुक्त टीम कुचायकोट थाना में जब्त शराब की जांच पड़ताल करती रही। इस संबंध में पूछे जाने पर सदर एसडीपीओ नरेश पासवान ने बताया कि पुलिस तथा मद्य निषेध विभाग की टीम पूरे मामले की गहराई से जांच पड़ताल कर रही है। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के कामकाज पर उठ रहे सवाल:
शराब माफिया और पुलिस के गठजोड़ से शराबबंदी को कुचायकोट पुलिस द्वारा पलीता लगाने की घटना ने पूरे महकमे को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस थाने से जब्त शराब की सप्लाई का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग के कामकाज पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। पुलिस पदाधिकारियों द्वारा शराब तस्करों से मिलकर शराबबंदी पर चोट करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जिले के बैकुंठपुर थाने के थानेदार द्वारा जब्त शराब को बाहर भेजे जाने का मामला उजागर हो चुका है । उस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष अभी भी सलाखों के पीछे हैं। अब कुचायकोट थाने से भी शराब माफिया के गठजोड़ से शराब की सप्लाई करने का मामला उजागर होने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है । शराब जब्ती के मामले में पूरे जिले में अव्वल स्थान पर रहने वाला कुचायकोट थाना इससे इतर अब सुर्खियां बटोर रहा है । सूत्रों की मानें तो कुचायकोट पुलिस और शराब तस्करों के गठजोड़ का यह मामला कोई नया नहीं है। लंबे समय से जब्त शराब के साथ यह खेल पुलिस द्वारा खेला जा रहा है । सूत्रों की मानें तो भारी मात्रा में ट्रकों से शराब जब्त करने के साथ ही पुलिस और तस्करों की मिलीभगत से यह खेल शुरू हो जाता है। जब्त शराब को गिनती के दौरान शराब की मात्रा कम दिखाए जाने की बात गाहे-बगाहे चर्चा में रहती है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि तो पूरे मामले की जांच पड़ताल के बाद ही हो पाएगा । सूत्रों का दावा है कि जब्त शराब के जब्ती सूची में ही खेल कर इसका एक हिस्सा पुलिस द्वारा छिपा लिया जाता है। जिसे बाद में तस्करों तक पहुंचा दिया जाता है । इस तरह एक तरफ शराब की बरामदगी कर पदाधिकारियों से पीठ थपथपाई जाती है और दूसरी तरफ इसमें एक अलग खेल खेलकर मोटा माल भी बनाया जाता है । अब कुचायकोट थाने में हो रहे इस खेल का वीडियो वायरल होने के बाद पूरा महकमा सकते में है । हालांकि वरीय पदाधिकारी लगातार इस मामले की जांच पड़ताल में जुटे हुए हैं और यह दावा कर रहे हैं कि जांच पड़ताल में जो भी कर्मचारी या पदाधिकारी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चेकपोस्ट से ही शुरू हो जाता है शराब माफिया के साथ गठजोड़ का खेल:
कुचायकोट थाना से शराब बाहर सप्लाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद कुचायकोट पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है ।इसके पूर्व भी एनएच 28 पर शराब के ट्रकों को शराब माफिया की मिलीभगत से पुलिस द्वारा नजरअंदाज किए जाने की बात सामने आ चुकी है। बताया जाता है कि जून के महीने में जिला पुलिस को इस बात की जानकारी लगी थी कि शराब माफिया की मिलीभगत से एनएच 28 से उत्तर प्रदेश से आने वाले शराब से लदी ट्रकों को चेकपोस्ट पर बिना जांच पड़ताल किए आगे जाने दिया जाता है। इसको लेकर तत्कालीन एएसपी विनय तिवारी ने पुलिस बल के साथ बलथरी चेकपोस्ट पर विशेष जांच अभियान चलाया था । पूरे एक सप्ताह तक एएसपी विनय तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने 24 घंटे बलथरी चेक पोस्ट के पास वाहनों की जांच किया। इस दौरान तत्कालीन एएसपी पूरे समय चेकपोस्ट पर खुद मौजूद रहे। इसका नतीजा रहा कि एक सप्ताह में पुलिस ने 60 हजार से अधिक बोतल शराब जब्त किया। ऐसे में यह सवाल भी उठा कि कुचायकोट थाना पुलिस चेकपोस्ट पर तैनात रहने के दौरान शराब की बरामदगी कम क्यों होती है। इसको लेकर वरीय पदाधिकारियों ने कुचायकोट पुलिस को कड़ी फटकार भी लगाई थी। अब थाना से जब्त शराब सप्लाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस और मद्य निषेध विभाग के पदाधिकारी इन सभी बिदुओं को ध्यान में रख कर मामले की जांच पड़ताल में जुटे हैं । पुलिस पदाधिकारियों द्वारा बलथरी चेक पोस्ट पर वाहनों की जांच पड़ताल भी तेज कर दी गई है। अब सभी की निगाहें पुलिस और मद्य निषेध विभाग के जांच पड़ताल पर लगी हैं कि इस जांच पड़ताल में क्या निकल कर सामने आता है और क्या कार्रवाई होती है।
शराब कांड ने फीका कर दिया सती पूजन उत्सव का रंग:
कुचायकोट थाना परिसर में स्थित सती मंदिर में श्रावण की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष होने वाले सती पूजन उत्सव का रंग कुचायकोट थाने के शराब कांड ने फीका कर दिया है । सती पूजन उत्सव को लेकर मात्र एक सप्ताह का समय बचा है । सती पूजन कार्यक्रम को लेकर पिछले एक पखवारे से साफ सफाई का काम चल रहा था । लेकिन अचानक कुचायकोट थाने से शराब की सप्लाई करने का वीडियो वायरल वीडियो होने तथा थानाध्यक्ष पर कार्रवाई से इस तैयारी पर भी ग्रहण लगा गया है।